हरिद्वारः ज्वालापुर में वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने एक बैठक आयोजित की. बैठक में उन्होंने पति-पत्नी दोनों को वृद्धावस्था पेंशन दिए जाने की मांग की. उनका कहना है कि साल 2018 में मुख्यमंत्री खुद पति-पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन दिए जाने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
ज्वालापुर में वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने बुजुर्ग दंपतियों को पेंशन सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर बैठक की. बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों में बुजुर्ग दंपतियों को वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है. जबकि, उत्तराखंड में परिवार के एक मात्र वृद्ध को पेंशन दिए जाने का प्रावधान है. अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी वृद्धों को मिलने वाली पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी कर पति-पत्नि दोनों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये पेंशन दी जानी चाहिए. जिससे महंगाई के इस दौर में वृद्ध दंपति अपनी गुजर बसर कर सकें.
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वहीं, अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि 15 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पति-पत्नि दोनों को वृद्धावस्था पेंशन दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन इस घोषणा का क्रियान्वयन अभी तक नहीं हो सका है. बैठक में ईपीएफओ के न्यूनतम पेंशन तीन हजार रुपये दिए जाने के निर्णय का सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने स्वागत किया. साथ ही पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी और पति-पत्नि दोनों को पेंशन दिए जाने की घोषणा को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजने का निर्णय लिया.