रुड़की: कोरोना के शुरुआती दौर में जिन सफाई कर्मियों को जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों ने कोरोना वॉरियर्स रूप में सम्मानित किया था. आज उन्हीं कोरोना वॉरियर्स के सामने भूख मरने की नौबत आ गई है. सरकारी अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मियों को बीत तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. आखिर में हालतों से परेशान होकर वे गुरुवार को धरने पर बैठे गए.
सफाई कर्मियों का आरोप है कि जिस कंपनी के माध्यम से वे रखे गए थे वो उन्हें समय से वेतन नहीं दे रही है. किसी कर्मचारी का एक महीने का वेतन रुका है तो किसी का तीन महीने का. ऐसे में परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत कराया है, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या का हल नहीं निकाला.
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दरअसल, रुड़की सिविल अस्पताल में सफाई कर्मियों को रामा एंड फोर्ट कंपनी के द्वारा रखा गया है. कंपनी कर्मचारियों को सही समय पर वेतन नहीं देती है. जिस कारण अक्सर सफाई कर्मी नाराज होकर धरने पर बैठते हैं. इस बार कर्मचारियों ने साफ किया है कि जबतक उनकी सैलरी नहीं मिलती वे काम पर नहीं लौटेंगे.
वहीं, सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि रामा एन्ड फोर्ट कंपनी को ठेका दिया हुआ है, जो सही समय पर वेतन नहीं दे रही है. कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जल्द की जायेगी.