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हरिद्वार महाकुंभ: सरकार के कामों से खुश नहीं साधु-संत, कहा- मेले में सुरक्षा बलों के पास न हो लाठी

हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. जिसको लेकर सरकार अभी से तैयारियों में जुटी है. लेकिन सरकार की तैयारियों को साधु-संतों ने पर्याप्त नहीं बताया है.

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हरिद्वार महाकुंभ
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Published : Dec 27, 2019, 4:32 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. उत्तराखंड सरकार भी कुंभ की तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन सरकार की तैयारियों से साधु-संत खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका मानना है कि सरकार बहुत धीमी गति से कुंभ के कार्य करवा रही है.

भूमा निकेतन के पीठाधीश्वर अछूतानंद तीर्थ महाराज ने हरिद्वार में कुंभ को लेकर सरकार द्वारा जो काम कराए जा रहे हैं, उस पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी के पास जो आस्था पथ का निर्माण कराया जा रहा है वो सही नहीं है. क्योंकि उससे कुंभ मेले में भगदड़ मच सकती है. इस तरह के निर्माणों के कारण कुंभ में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है.

सरकार के कामों से खुश नहीं साधु-संत.

पढ़ें- कृषि विशेषज्ञ बोले- कोहरे से आलू की फसल में आ सकता है झुलसा रोग

अछूतानंद ने सरकार के मांग की है कि कुंभ में तैनात पुलिसकर्मियों (सुरक्षा बलों) के पास किसी भी प्रकार का कोई डंडा या लाठी नहीं होनी चाहिए. अछूतानंद के मुताबिक, कई बार देखा गया कुंभ मेले में पुलिस कर्मी ज्यादा समय तक ड्यूटी करते है, जिस कारण वे मानसिक तनाव में आ जाते हैं. ऐसे में वे संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू करने के लिए लाठी या डंडे के प्रयोग करते हैं, जिससे तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है.

पढ़ें- उत्तराखंड: देवभूमि में ठिठुरन बढ़ने से बढ़ी लोगों की मुश्किलें

अछूतानंद ने कहा कि सरकार कुछ गिने चुने संतों से बात करके ही कुंभ की तैयारी न करें, बल्कि सभी आखड़ो के संतों की सलाह से चले और उसके बाद ही कुंभ के लिए योजना बनाए.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. उत्तराखंड सरकार भी कुंभ की तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन सरकार की तैयारियों से साधु-संत खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका मानना है कि सरकार बहुत धीमी गति से कुंभ के कार्य करवा रही है.

भूमा निकेतन के पीठाधीश्वर अछूतानंद तीर्थ महाराज ने हरिद्वार में कुंभ को लेकर सरकार द्वारा जो काम कराए जा रहे हैं, उस पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी के पास जो आस्था पथ का निर्माण कराया जा रहा है वो सही नहीं है. क्योंकि उससे कुंभ मेले में भगदड़ मच सकती है. इस तरह के निर्माणों के कारण कुंभ में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है.

सरकार के कामों से खुश नहीं साधु-संत.

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अछूतानंद ने सरकार के मांग की है कि कुंभ में तैनात पुलिसकर्मियों (सुरक्षा बलों) के पास किसी भी प्रकार का कोई डंडा या लाठी नहीं होनी चाहिए. अछूतानंद के मुताबिक, कई बार देखा गया कुंभ मेले में पुलिस कर्मी ज्यादा समय तक ड्यूटी करते है, जिस कारण वे मानसिक तनाव में आ जाते हैं. ऐसे में वे संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू करने के लिए लाठी या डंडे के प्रयोग करते हैं, जिससे तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है.

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अछूतानंद ने कहा कि सरकार कुछ गिने चुने संतों से बात करके ही कुंभ की तैयारी न करें, बल्कि सभी आखड़ो के संतों की सलाह से चले और उसके बाद ही कुंभ के लिए योजना बनाए.

Intro:रेडी 2 पैकज 

एंकर :-उत्तराखण्ड में धर्मनगरी कहा जाने वाला तीर्थ स्थल हरिद्वार हरकी पौडी जो  लाखो करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिंदु कहा जाता है । आगामी 2021 में यहाँ महाकुम्भ का आजाग होना है , लेकिन कुंभ को लेकर संतो और प्रशासन में असमंजस का माहौल सा बना हुआ है । बात अगर कुम्भ के दौरान होने वाले कार्यो की , की जाए तो संतो ने हो रहे कार्यो को लेकर नाराजगी जताई है । संतो का कहना है कि सरकार बहुत धीमी गति से कुंभ के कार्य करवा रही है । दूसरी और हरिद्वार के भूमानिकेतन के पीठाधीश्वर अछुतानंद तीर्थ महाराज ने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है की सरकार द्वारा हरकीपौडी के पास जो आस्था पथ का निर्माण कराया जा रहा है उस से कुम्भ मेले के दौरान भगदड मचने का अंदेशा है। इस से पहले भी ऐसे ही निर्माणों के कारण ही कुम्भ में कई घटनाये घट चुकी है। Body:VO :-उनका कहना है कि यहां होने वाले कार्य सन्तो की सलाह से किये जाने चाइए पूर्व में भी देखा गया है कि , सरकार के गलत निर्माण कार्यो की वजह से भगदड़ का माहौल पैदा हो जाता है । पत्रकारों से बात चीत करते हुए उन्होंने सरकार से मांग की है , कुंभ के दौरान तैनात पुलिस कंर्मीयो  ( सुरक्षा बल ) के पास किसी भी प्रकार का कोई भी डंडा , लाठी इत्यादि वस्तु नही होनी चाइए । क्योंकि कई बार देखा गया है कि , तैनात पुलिस कर्मी लगातार ज्यादा समय ड्यूटी करने पर मानसिक तनाव में आ जाता है जिस कारण वह संतो या श्रद्धालुओं की भीड़ काबू करने के लिए क्रूरता जैसा व्यहवार करता है जो कि किसी भी श्रद्धालु या संतो को यह व्यवहार अच्छा नही लगता जिससे कि वहाँ तनाव पूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है। जिसके लिए सरकार तैनात पुलिस कर्मियों को डंडे, लाठी अपने साथ रखने की अनुमति ना दे ।  उन्होंने कहा कि सरकार कुछ गिने चुने संतो के कहने पर ही सारी गतिविधि ना करे , बल्कि सभी आखड़ो के संतों की सलाह से चले । ताकि कुंभ के दौरान भी सरकार और संतो में समन्वय बना रहे ।Conclusion:बाइट अछूतानंद तीर्थ (भूमानिकेतन के पीठाधीश्वर) 
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