हरिद्वार: इन दिनों धर्मनगरी हरिद्वार में कथाओं का दौर चल रहा है. कहीं रामकथा तो कहीं श्रीमद्भागवत कथा या फिर कहीं पर शिव महापुराण की कथा इन दिनों धर्मनगरी हरिद्वार में चल रही है. आपको बता दें कि इस वर्ष अधिक मास है, जिस कारण इस वर्ष कथाओं का सुमिरन करना व सिमरन करना दोनों का ही महत्व है. भारत माता पुरम स्थित शाश्वतम आश्रम में श्रीराम कथा का शुभारंभ अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी एवं महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया.
श्री राम के चरित्र से लेनी चाहिये प्रेरणा: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर एवं रामकथा मर्मज्ञ स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जिस जगह श्रीराम कथा का आयोजन होता है, वहां स्वयं हनुमान विराजमान रहकर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. प्रभु श्रीराम की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है. वास्तव में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने परिवार और समाज के प्रति समर्पित रहकर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए.
राहुल गांधी को मांगनी चाहिये भारत से माफी: इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर उमाकान्तानन्द महाराज ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपने घर की बुराई बाहर के देश में जाकर की है. जो कि सरासर गलत है. आप अपने घर की समस्याओं को किसी बाहर वाले के सामने रखकर उसे हल नहीं कर सकते. बल्कि ऐसा करके आप दूसरों के सामने अपने घर का मजाक बना रहे हैं. राहुल गांधी एक बड़ी पार्टी से जुड़े हुए नेता हैं और कई बड़े पदों पर भी रह चुके हैं. लेकिन इस तरह की नादानी की राहुल गांधी से उम्मीद नहीं की जा सकती. राहुल गांधी को अपनी इस गलती के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए और आगे इस तरह की गलती नहीं करेंगे इसका भी आश्वासन देना चाहिये.
ये भी पढ़ें: Badrinath Dham: इस बार बदरीनाथ धाम में हेली सेवा देने वाली कंपनियों से 'इको-डेवलपमेंट' शुल्क वसूलेगा नगर पंचायत
पंडित धीरेंद्र शास्त्री को दी सलाह: वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र अभियान पर बोलते हुए महामंडलेश्वर उमाकान्तानन्द महाराज ने कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है. केवल आवश्यकता है तो हिंदुओं को जगाने की ना कि हिंदू राष्ट्र बनाने की. महामंडलेश्वर उमाकान्तानन्द महाराज ने कहा कि, "कागजों में हिंदू राष्ट्र बनाने से कुछ नहीं होगा. जब तक देश का प्रत्येक हिंदू जागरूक नहीं होगा, वहीं पंडित धीरेंद्र शास्त्री को सलाह देते हुए महामंडलेश्वर उमाकांतानंद महाराज ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मुझे अति स्नेह है. लेकिन उन्हें अपनी इस मुहिम में बदलाव की आवश्यकता है, क्योंकि जिस तरह से वेस्टर्न संस्कृति की ओर हिंदू आकर्षित हो रहा है, इसके लिए हिंदुओं को जागरूक करने की अति आवश्यकता है.