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चीन का विरोधः संत समाज बोला- ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है भारत

हरिद्वार में संतों ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि स्वरूप यज्ञ का आयोजन किया. इस मौके पर संतों ने कहा कि चीन को अपनी हद में रहना चाहिए, भारत ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है.

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हरिद्वार न्यूज
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Published : Jun 18, 2020, 8:05 PM IST

देहरादून: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पांच हफ्ते से जारी तनातनी ने हिंसक रूप ले लिया है. सोमवार रात गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के कर्नल सहित बीस जवान शहीद हो गए. गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान पर संत समाज ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है.

जूना अखाड़े के संतों ने शहीदों की आत्मा की शांति के लिए सिद्धपीठ मायादेवी मंदिर में शांति यज्ञ का आयोजन किया. वहीं हरिद्वार के अन्य संतों ने ऐसी घटनाओं को निंदनीय बताया है. इसके साथ ही संतों ने चेतावनी दी है कि भारत ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है.

चीन के विरोध में उतरा संत समाज.

शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरि गिरी ने कहा कि सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप यज्ञ का आयोजन जूना अखाड़े स्थित माया देवी मंदिर में किया है और मौन व्रत रखा है. उन्होंने कहा कि चीन ऐसी कायराना हरकत कर सकता है, ऐसा सोचा नहीं था. चीन ने विश्वासघात किया है. चीन द्वारा की गई इस कायराना हरकत की साधु संत निंदा करते हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार से शहीद सैनिकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.

पढे़ं- सीमा विवाद के बीच रूस और चीन के साथ बैठक में शामिल होगा भारत : विदेश मंत्रालय

वहीं, श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत दुर्गा दास ने चीन के हमले की निंदा की है, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा की अगर कोई भी देश भारत सीमा पर अटैक करता है तो देश के सभी संत समाज भारत के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं. अब चीन को सबक सिखाने की जरूरत है.

देहरादून: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पांच हफ्ते से जारी तनातनी ने हिंसक रूप ले लिया है. सोमवार रात गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के कर्नल सहित बीस जवान शहीद हो गए. गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान पर संत समाज ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है.

जूना अखाड़े के संतों ने शहीदों की आत्मा की शांति के लिए सिद्धपीठ मायादेवी मंदिर में शांति यज्ञ का आयोजन किया. वहीं हरिद्वार के अन्य संतों ने ऐसी घटनाओं को निंदनीय बताया है. इसके साथ ही संतों ने चेतावनी दी है कि भारत ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है.

चीन के विरोध में उतरा संत समाज.

शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरि गिरी ने कहा कि सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप यज्ञ का आयोजन जूना अखाड़े स्थित माया देवी मंदिर में किया है और मौन व्रत रखा है. उन्होंने कहा कि चीन ऐसी कायराना हरकत कर सकता है, ऐसा सोचा नहीं था. चीन ने विश्वासघात किया है. चीन द्वारा की गई इस कायराना हरकत की साधु संत निंदा करते हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार से शहीद सैनिकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.

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वहीं, श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत दुर्गा दास ने चीन के हमले की निंदा की है, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा की अगर कोई भी देश भारत सीमा पर अटैक करता है तो देश के सभी संत समाज भारत के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं. अब चीन को सबक सिखाने की जरूरत है.

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