हरिद्वार: ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Survey work completed in Kashi Gyanvapi Masjid) का काम पूरा हो गया है. मस्जिद से निकलने के बाद हिंदू पक्ष के वकीलों की ओर से शिवलिंग (Shivling found in Gyanvapi Masjid survey) मिलने का दावा किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वजुखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है. इस खबर के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने खुशी(Sadhu saint happy to get Shivling in Gyanvapi Mosque) जाहिर की है. रविंद्र पुरी ने सभी पक्षों से राम मंदिर की तर्ज पर समाधान निकालने की अपील भी की है.
आक्रांताओं के भय से तालाब में छिपाया शिवलिंग: शिवपुराण में विश्वेशरनाथ मंदिर का वर्णन महंत रविंद्र पुरी के अनुसार शिव महापुराण के केदारखंड में इस मंदिर का वर्णन है. यह विश्वेशरनाथ मंदिर है. उनके अनुसार 1664 से 1670 के बीच उनके अखाड़े के नागाओं ने आक्रांताओं से बचाने के लिए इस शिवलिंग को तालाब में छिपा दिया था. बाद में यह मंदिर फिर से पूजा के लिए खोल दिया गया.
बाबरी विध्वंस के बाद बैरेकेडिंग: 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद यहां फिर बैरेकेडिंग कर दी गई. उन्होंने कहा आज भी मस्जिद के पीछे जो ढांचा दिखाई देता है, वहां एक मंदिर का ढांचा है. इस मंदिर में पहले भी महिलाएं पूजा करने जाया करती थी. अभी इसी मंदिर में पूजा की मांग को लेकर 5 महिलाओं में याचिका दायर की थी.
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महानिर्वाणी अखाड़े के संन्यासी यहां करते थे पूजा: रविंद्र पुरी ने कहा पहले महानिर्वाणी अखाड़े के संन्यासी इस मंदिर में पूजा करने जाया करते थे. उन्होंने कहा यहां पर महानिर्वाणी अखाड़े की कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि हमारे पूर्वज संन्यासियों ने मंदिरों के संरक्षण के लिए काफी कुछ किया है. आज सरकार के प्रयास के बाद कोर्ट के आदेश से जो कुछ हुआ है. उसके लिए उन्होंने अखाड़ा परिषद और अखाड़े की तरफ से साधुवाद किया है. उन्होंने कहा काशी की संस्कृति ऐसी है जहां हिंदू-मुस्लिम सभी साथ-साथ रहते हैं. उन्होंने कहा मैं खुद वहां पर रहा हूं. सर्वे पूरा होने के बाद हरिद्वार के दक्ष प्रजापति मंदिर में खुशी का माहौल है.