हरिद्वार: हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को नहर (स्कैप चैनल) घोषित किए जाने के शासनादेश का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. इसमें मामले में सरकार के खिलाफ संतों का गुस्सा बढ़ता ही जा रही है. साधु-संतों ने त्रिवेंद्र सरकार से मांग की है कि जल्द से गंगा को नहर (स्कैप चैनल) घोषित किए जाने वाला शासनादेश को निरस्त किया जाए.
साधु-संतों ने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा को नहर बताने वाले शासनादेश को सरकार तत्काल वापस लिया जाए. इससे जनभावना को ठेस पहुंच रही है. इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. बड़ा अखाड़ा उदासीन के प्रबंधक महंत दुर्गादास ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार को तीन साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक हरकी पैड़ी पर गंगा को नहर बताने वाले शासनादेश को सरकार ने वापस नहीं लिया है.
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महंत दुर्गादास ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार हरिद्वार महाकुंभ 2021 के आयोजन पहले इस शासनादेश को वापस नहीं लेती है तो वे सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. इस संबंध में उन्होंने निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी से भी मुलाकात की है.
बता दें कि पूर्व की हरीश रावत सरकार ने अपने कार्यकाल में एक शासनादेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को नहर (स्कैप चैनल) घोषित किया था. जिसका सांधु-संतों ने तब भी विरोध किया था. त्रिवेंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद साधु-संत लगातार मांग कर रहे हैं कि वे हरकी पैड़ी पर गंगा को नहर बताने वाले शासनादेश को वापस लिया जाए.