हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 185 दिनों से अनशनरत हैं. अनशन पर बैठने से पहले आत्मबोधानंद ने घोषणा की थी कि अगर 25 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो वो 27 अप्रैल से जल त्याग देंगे. हालांकि, आत्मबोधानंद ने नमामि गंगे के महानिदेशक के कहने पर जल त्यागने की समय सीमा को 2 मई तक बढ़ा दिया है.
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बता दें कि नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निदेशक अशोक कुमार ने बीते गुरुवार को मातृ सदन पहुंचकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मातृ सदन से थोड़ा समय मांगा था और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को भरोसा दिलाया था कि एनएमसीजी के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाएगा.
आत्मबोधा नंद की प्रमुख मांगें
- गंगा पर प्रस्तावित समस्त बांधों और निर्माणाधीन चार बांधों को निरस्त करने का आदेश.
- गंगा में रायवाला से भोगपुर तक गंगा के 5 किलोमीटर दायरे में चल रहे सभी स्टोन क्रेशर को बंद करने का आदेश.
- गंगा में किसी भी तरह के खनन पर पूर्ण रूप से रोक.
ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि उन्होंने आश्वासन के बाद जल त्यागने का समय बढ़ाकर 2 मई कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते तो 3 मई से आज जल त्याग देंगे और अगर यह सारी बातें पूरी हो जाती हैं. तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे.