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आत्मबोधानंद अब 2 मई से त्यागेंगे जल, नमामि गंगे के महानिदेशक के आश्वासन पर बढ़ाया समय

नमामि गंगे के महानिदेशक और एग्जीक्यूटिव निदेशक ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि एनएमसीजी के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाएगा.

आत्मबोधानंद अब 2 मई से त्यागेंगे जल
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Published : Apr 26, 2019, 4:37 PM IST

Updated : Apr 26, 2019, 6:44 PM IST

हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 185 दिनों से अनशनरत हैं. अनशन पर बैठने से पहले आत्मबोधानंद ने घोषणा की थी कि अगर 25 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो वो 27 अप्रैल से जल त्याग देंगे. हालांकि, आत्मबोधानंद ने नमामि गंगे के महानिदेशक के कहने पर जल त्यागने की समय सीमा को 2 मई तक बढ़ा दिया है.

पढ़ें- मतगणना की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग, क्षेत्रीय अधिकारियों को दी ट्रेनिंग

बता दें कि नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निदेशक अशोक कुमार ने बीते गुरुवार को मातृ सदन पहुंचकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मातृ सदन से थोड़ा समय मांगा था और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को भरोसा दिलाया था कि एनएमसीजी के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाएगा.

आत्मबोधानंद अब 2 मई से त्यागेंगे जल

आत्मबोधा नंद की प्रमुख मांगें

  • गंगा पर प्रस्तावित समस्त बांधों और निर्माणाधीन चार बांधों को निरस्त करने का आदेश.
  • गंगा में रायवाला से भोगपुर तक गंगा के 5 किलोमीटर दायरे में चल रहे सभी स्टोन क्रेशर को बंद करने का आदेश.
  • गंगा में किसी भी तरह के खनन पर पूर्ण रूप से रोक.

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि उन्होंने आश्वासन के बाद जल त्यागने का समय बढ़ाकर 2 मई कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते तो 3 मई से आज जल त्याग देंगे और अगर यह सारी बातें पूरी हो जाती हैं. तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे.

हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 185 दिनों से अनशनरत हैं. अनशन पर बैठने से पहले आत्मबोधानंद ने घोषणा की थी कि अगर 25 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो वो 27 अप्रैल से जल त्याग देंगे. हालांकि, आत्मबोधानंद ने नमामि गंगे के महानिदेशक के कहने पर जल त्यागने की समय सीमा को 2 मई तक बढ़ा दिया है.

पढ़ें- मतगणना की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग, क्षेत्रीय अधिकारियों को दी ट्रेनिंग

बता दें कि नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निदेशक अशोक कुमार ने बीते गुरुवार को मातृ सदन पहुंचकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मातृ सदन से थोड़ा समय मांगा था और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को भरोसा दिलाया था कि एनएमसीजी के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाएगा.

आत्मबोधानंद अब 2 मई से त्यागेंगे जल

आत्मबोधा नंद की प्रमुख मांगें

  • गंगा पर प्रस्तावित समस्त बांधों और निर्माणाधीन चार बांधों को निरस्त करने का आदेश.
  • गंगा में रायवाला से भोगपुर तक गंगा के 5 किलोमीटर दायरे में चल रहे सभी स्टोन क्रेशर को बंद करने का आदेश.
  • गंगा में किसी भी तरह के खनन पर पूर्ण रूप से रोक.

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि उन्होंने आश्वासन के बाद जल त्यागने का समय बढ़ाकर 2 मई कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते तो 3 मई से आज जल त्याग देंगे और अगर यह सारी बातें पूरी हो जाती हैं. तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे.

Intro:एंकर- गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 185 दिनों से अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने पहले घोषणा की थी कि अगर 25 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठती है तो वह 27 अप्रैल से जल त्याग देंगे। जिसके बाद कल आनन फानन में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन - नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निर्देशक जी अशोक कुमार मातृ सदन पहुंचे और मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद एवं गंगा के लिए अनशनरत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद से वार्ता की जिसके बाद ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अपने जल त्यागने की समय सीमा को 2 मई तक बड़ा दिया है।


Body:VO1- मातृ सदन पहुंच कर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन - नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निर्देशक जी अशोक कुमार ने मातृ सदन से सरकार के लिए थोड़ा समय मांगा और भरोषा दिलाया की एनएमसीजी के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाएगा, साथ ही एक सप्ताह के अंदर प्रस्तावित समस्त बांधों और निर्माणाधीन चार बांधों को निरस्त करने का आदेश लिखित रूप में जारी किया जाएगा, साथ ही गंगा में रायवाला से भोगपुर तक गंगा के 5 किलोमीटर दायरे में चल रहे स्टोन क्रेशर को बंद करने और गंगा में किसी भी तरह के खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाएगी। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने बताया कि उनको मिले आश्वासन के बाद उन्होंने अपने जल्द जागने की समय सीमा 2 मई तक बढ़ा दी है अगर तब तक उनको किए गए वादे पूरे नहीं होते तो 3 मई से आज जल त्याग देंगे, वहीं अगर यह सारी बातें पूरी हो जाती है तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे।


Conclusion:बाइट- ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद, अनशनरत संत, मातृ सदन

बाइट- स्वामी शिवानंद, परमाध्यक्ष, मातृ सदन
Last Updated : Apr 26, 2019, 6:44 PM IST
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