हरिद्वारः भारत में धर्म, आध्यात्म और लोगों के जुड़ाव को लेकर अगर किसी संत या गुरु का नाम आता है तो उसमें सद्गुरु का नाम शायद सबसे ऊपर ही होगा. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव आज हरिद्वार पहुंचे. इस दौरान वो नए अंदाज में नजर आए. सद्गुरु जग्गी वासुदेव अपनी गाड़ियों के काफिले के साथ बाइक की सवारी करते दिखे. बाइक पर सवार होकर ही सद्गुरु जग्गी वासुदेव बाबा रामदेव से मिलने पहुंचे.
पूरे लाव-लश्कर और हाई सिक्योरिटी के साथ चलने वाले सद्गुरु किसी बाइक राइडर की तरह, स्किन टच कपड़े पहने, हाथों में ग्लव्स और अत्याधुनिक बाइक पर सवार होकर पतंजलि योगपीठ पहुंचे. उन्हें देखकर कोई ये नहीं कह सकता था कि ये सादे स्वरूप में दिखाई देने वाले वही सद्गुरु जग्गी वासुदेव हैं जो लोगों को योग, धर्म और आध्यात्म के बारे में बताते हैं.
बता दें कि योग गुरु स्वामी रामदेव भी उन्हें अपना गुरु मानते हैं. ऐसे में जैसे ही उनके उत्तराखंड आने की खबर स्वामी रामदेव को लगी वैसे ही उन्होंने पतंजलि में भी उनके लिए कार्यक्रम रख दिया. जैसे ही सद्गुरु जग्गी वासुदेव पतंजलि परिसर पहुंचे बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने पैर छूकर उनका स्वागत किया.
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने शॉल ओढ़ाकर सद्गुरु का भव्य स्वागत किया. कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने सद्गुरु को गंगा जल और गिलोय का पौधा भेंट किया. इस उपलक्ष्य में पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने योग की विविध प्रस्तुतियां भी दीं. गौर हो कि इससे पहले भी सद्गुरु जग्गी वासुदेव और बाबा रामदेव कई मंचों पर एक साथ नजर आते रहे हैं.
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योग को जीवन में उतारें: इस मौके पर सद्गुरु ने कहा कि हमें स्वयं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जागरूक रहने की जरूरत है. समय व्यर्थ न करें, अपनी सोच, भावनाओं व विचारों को सकारात्मक रखें. उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली यह नहीं सिखाती कि समस्या क्या है और इसका हल कैसे किया जा सकता है. जीवन बिल्कुल वैसा ही है, जैसा आप सोचने लगते हैं. उन्होंने जीवन में योग को स्थान देने पर बल दिया और कहा कि योग शरीर को शारीरिक और मानसिक स्तर पर ऊर्जावान रखता है.
वहीं, स्वामी रामदेव ने कहा कि सद्गुरु ने कॉन्शियस प्लेनेट नाम से एक बहुत बड़ा अभियान चलाया है. इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए सद्गुरु संसार के बड़े-बड़े विद्वानों और नागरिकों से संवाद कर रहे हैं. इस पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है. मात्र कुछ पौधे लगाना, कुछ जल संरक्षण के लिए कार्य करना, मृदा संरक्षण करना, ये बिन्दु मात्र हैं. इस सारे अस्तित्व ने हमें बनाया है. इसके संरक्षण के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है.
बाबा रामदेव को बाइक की सवारी करा चुके हैं सद्गुरु: करीब तीन साल पहले बाबा रामदेव सद्गुरु से मिलने उनके ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर गए थे. जग्गी बासुदेव ने बाबा रामदेव को बाइक की सैर का ऑफर दिया तो बाबा तैयार हो गए. इसके बाद सद्गुरु ने अपनी बाइक से फर्राटे मारते हुए बाबा रामदेव को आश्रम की सैर कराई थी. भारत के दो जाने-माने योग गुरुओं को बाइक की सवारी करते देख लोग हैरान और रोमांचित हो गए थे.
कौन हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव: जग्गी वासुदेव का जन्म 5 सितम्बर 1957 को कर्नाटक के मैसूर शहर में हुआ. उनके पिता एक डॉक्टर थे. इन्हें 'सद्गुरु' भी कहा जाता है. ये ईशा फाउंडेशन नामक लाभ रहित मानव सेवी संस्थान के संस्थापक हैं. ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में योग कार्यक्रम सिखाता है. साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है.
जग्गी वासुदेव ने 8 भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. सद्गुरु का आश्रम कोयंबटूर शहर से करीब 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य योग का प्रचार-प्रसार कर उसे लोगों के लिए सुलभ बनाना है. सद्गुरु के अनुयायी उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो लोगों के जीवन में प्रकाश भरने का और उनको नई दिशा दिखाने का काम करता है.