हरिद्वारः उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं. राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (आरजेपी) ने भी चुनाव लड़ने का दंभ भरा है. इसी कड़ी में आरजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवती राणा ने पार्टी का विस्तार करते हुए रोहित गोपाल भैय्या को प्रदेश प्रभारी और फूलन देवी की छोटी बहन मुन्नी देवी को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है. साथ ही राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
बता दें कि मुन्नी देवी फूलन देवी की छोटी बहन हैं. राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी फूलन देवी हत्याकांड के दोषी शेर सिंह राणा की है. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुन्नी देवी हरिद्वार में स्वास्थ्य खराब होने के कारण मौजूद नहीं रहीं लेकिन उसके बावजूद उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी बात पत्रकारों तक में रखी.
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राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी में जिम्मेदारी संभालते हुए प्रदेश प्रभारी रोहित गोपाल भैया ने बताया कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में प्रतिभाग करने जा रही है. वो जनता के बीच बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज हर पार्टी युवाओं को फ्री बिजली, पानी आदि का लालच देकर अपाहिज बना रही है. आज के युवाओं को अगर कुछ चाहिए तो वह रोजगार है.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने का काम करेगी. इसके लिए वे आंदोलन भी करेंगे. अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतती है या फिर सरकार बनाती है तो पार्टी युवाओं को रोजगार देने का काम करेगी. जब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिल जाता, उनको बेरोजगारी भत्ता देने का काम भी करेगी.
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कौन है शेर सिंह राणा: शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को रुड़की में हुआ था. वो सुर्खियों में तब आया जब उसने 25 जुलाई, 2001 के दिन समाजवादी पार्टी की सांसद फूलन देवी की दिल्ली के अशोका रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. हत्या का आरोप शेर सिंह राणा और उसके तीन साथियों पर लगा था. हत्या के दो दिन बाद देहरादून के प्रेस क्लब में शेर सिंह और उसके साथियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. राणा ने कहा था कि 1981 में फूलन द्वारा की गई 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के लिए उसने फूलन को मारा.
तब मुन्नी ने ठहराया था हत्या का जिम्मेदार: फूलन देवी की हत्या के बाद मुन्नी ने ये बयान दिया था कि राणा ने ही गोलियां चलाई थीं. फिर मुन्नी ने चौंकाते हुए 2007 में ट्रायल के दौरान बयान बदला और कहा कि राणा को इस हत्याकांड में फंसाया गया, जबकि वास्तव में हत्या सांसद के पति उमेद सिंह ने करवाई थी.
तिहाड़ से फरार: हत्या के इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 2014 में फूलन देवी हत्याकांड का दोषी मानते हुए शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि उसके 3 दोस्तों को बरी कर दिया गया था. इसी साल 17 फरवरी को शेर सिंह राणा नाटकीय ढंग से देश की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल से फरार हो गया था.
तिहाड़ से निकलकर शेर सिंह राणा बांग्लादेश, दुबई होते हुए अफगानिस्तान पहुंचा था. उसने रांची झारखंड निवासी संजय गुप्ता के नाम से फर्सी पासपोर्ट बनवाकर ये काम किया था. अफगानिस्तान जाकर उसने वहां गजनी में रखी अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की समाधि से मिट्टी लाने का दावा भी किया था. काफी वक्त गुजरने के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी. तब से दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे शेर सिंह को वर्ष 2017 में जमानत मिली. शेर सिंह राणा ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
शादी के बाद फंक्शन में भी साथ दिखी थी मुन्नी: 20 फरवरी 2018 को राणा की शादी छतरपुर के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से हुई है. रुड़की में शादी के बाद मैरिज फंक्शन दिल्ली रोड स्थित एक होटल में किया गया जिसमें कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल हुए थे. शादी के तुरंत बाद 20 मई को राणा के सम्मान में एक सामाजिक कार्यक्रम हुआ जिसमें मुन्नी देवी भी उसके साथ दिखाई दी थी.