हरिद्वार: कोरोना महामारी जैसी आपदा की मार झेल रही धर्मनगरी हरिद्वार में अब सब्ज़ियों के आसमान छू रहे दामों ने गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. सब्जियों के बढ़े दामों से गृहिणियां त्रस्त नजर आ रही हैं. अपनी रसोई चलाने में इन गृहिणियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गृहणियों की मांग की है कि इस आपदा के समय सरकार इन्हें सस्ती सब्जी उपलब्ध कराए.
कोरोना आपदा काल में सब्जियों के बढ़ते दामों को लेकर गृहिणियों का कहना है कि हरिद्वार में सब्जियों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुके हैं. इस वजह से रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ चुका है. कोरोना काल में लोगों की नौकरियां जा रही हैं. सरकार को मध्यम वर्ग के लोगों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए.
सब्जी विक्रेताओं का भी कहना है कि मंडी से ही सब्जियां महंगी मिल रही हैं. वर्तमान समय में गोभी 120 रुपए प्रति किलो, मटर 200 रुपए प्रति किलो, आलू 40 रुपए प्रति किलो, लौकी 50 रुपए और तोरई 30 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध हो रही है. जो हमारे लिए काफी ज्यादा है. सरकार द्वारा मंडी समिति पर ध्यान नहीं दिया जाता है. हमारी सरकार से मांग है कि हमें सब्जियां सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए.
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ज्वालापुर कृषि मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने मंडी में सब्जी विक्रेताओं पर जमाखोरी करने और सब्जियों को महंगे दामों पर बेचने को लेकर प्रशासन की अनदेखी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में उपभोक्ताओं को सब्जी सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई थी. मेरा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से अनुरोध है कि वह उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर सब्जी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें.
महंगी सब्जियों का सीधे तौर पर गृहणियों के बजट पर असर पड़ता है. हरिद्वार में गृहणियां सस्ती दरों पर सब्जी और फलों को उपलब्ध कराने की मांग सरकार से कर रही हैं. अब देखना होगा कि सरकार इनकी मांग पर कितना ध्यान देती है और सस्ती सब्जियां उपलब्ध कराने की व्यवस्था कब तक करती है.