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कुंभ कार्यों पर बैरागी अणि अखाड़ों के संतों ने जताई नाराजगी, स्नान बहिष्कार की चेतावनी

अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह आज बैरागी कैंप पहुंचे. इस मौके पर निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने नाराजगी जताते हुए शाही स्नान के बहिष्कार की चेतावनी दी है. इसके साथ ही बैरागी अखाड़ों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया है.

Haridwar Maha Kumbha 2021
हरिद्वार महाकुंभ 2021
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Published : Nov 20, 2020, 10:16 PM IST

Updated : Nov 21, 2020, 5:25 PM IST

हरिद्वार: वैष्णव संप्रदाय के बैरागी अणि अखाड़े के साधु संत कुंभ मेला प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव से काफी नाराज नजर आ रहे हैं. बैरागी अणि अखाड़ों के संतों ने मेला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कुंभ मेले के दौरान बैरागी कैंप में होने वाले निर्माण कार्यों को मेला प्रशासन द्वारा नहीं कराया जा रहा है, जबकि संन्यासी अखाड़ा के कार्य मेला प्रशासन करवा रहा है. क्योंकि बैरागी अखाड़ों का मामला कोर्ट में था मगर अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है कि कुंभ से पहले बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के मंदिरों को हटाया नहीं जाएगा. इसी को लेकर बैरागी अखाड़ों के संत कार्य न होने पर कुंभ के स्नान का बहिष्कार करने की भी बात कर रहे हैं.

बैरागी कैंप में कुंभ के कार्य शुरू नहीं होने से संतों में नाराजगी.

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने शासन और प्रशासन से बैरागी अखाड़ों के लिए भूमि का स्थायी हल निकले इसकी मांग की है. मेला प्रशासन कार्य न होने की मुख्य वजह अखाड़ों के नाम भूमि का होना बता रहे हैं. जबकि, बैरागी कैंप में कुंभ मेले के कार्य न होने से बैरागी अखाड़ों के संत काफी नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने कुंभ मेले में शाही स्नान के बहिष्कार तक की बात कही है. बैरागी संप्रदाय के निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का कहना है कि बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के लिए स्थाई निर्माण हो यहां पर कई लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है, उसे हटाना चाहिए. मेला प्रशासन और शासन द्वारा अखाड़ों के लिए जो पैसा दिया गया है. उस पैसों से यहां पर कार्य होना चाहिए.

इनका कहना है कि कुंभ मेला अब नजदीक आ गया है लेकिन यहां पर कुंभ मेले का कोई भी स्वरूप देखने को नहीं मिल रहा है. न यहां सफाई की व्यवस्था है, न लाइट की. इन कार्यों के न होने से सभी बैरागी अखाड़ों के साधु संत नाराज है. ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम कुंभ मेले के शाही स्नान का बहिष्कार भी कर सकते हैं.

पढ़ें- DG अशोक कुमार होंगे उत्तराखंड के अगले पुलिस महानिदेशक

जनवरी 2021 से कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है, लेकिन अभी तक बैरागी कैंप में कुंभ के कार्य शुरू नहीं हो सके हैं, जिसका निरीक्षण करने अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह बैरागी कैंप पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बैरागी अखाड़ों की नाराजगी मैं उचित नहीं समझता हैं, क्योंकि सरकार द्वारा अखाड़ों को दिए गए पैसे को जहां लगाना है. वहां पर अखाड़ों के नाम भूमि होना जरूरी है. बैरागी अखाड़ों के नाम भूमि नहीं है, जिनके नाम भूमि है. उनके खातों में पहली किस्त के माध्यम से पैसा जा चुका है. बैरागी कैंप में कुंभ मेले को लेकर जितने भी कार्य होने हैं, वो कोरोना महामारी को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे. क्योंकि कोरोना महामारी एक बार फिर से बढ़ रही है. कई देशों में एक बार फिर लॉकडाउन शुरू हो गया है.

हरिद्वार: वैष्णव संप्रदाय के बैरागी अणि अखाड़े के साधु संत कुंभ मेला प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव से काफी नाराज नजर आ रहे हैं. बैरागी अणि अखाड़ों के संतों ने मेला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कुंभ मेले के दौरान बैरागी कैंप में होने वाले निर्माण कार्यों को मेला प्रशासन द्वारा नहीं कराया जा रहा है, जबकि संन्यासी अखाड़ा के कार्य मेला प्रशासन करवा रहा है. क्योंकि बैरागी अखाड़ों का मामला कोर्ट में था मगर अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है कि कुंभ से पहले बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के मंदिरों को हटाया नहीं जाएगा. इसी को लेकर बैरागी अखाड़ों के संत कार्य न होने पर कुंभ के स्नान का बहिष्कार करने की भी बात कर रहे हैं.

बैरागी कैंप में कुंभ के कार्य शुरू नहीं होने से संतों में नाराजगी.

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने शासन और प्रशासन से बैरागी अखाड़ों के लिए भूमि का स्थायी हल निकले इसकी मांग की है. मेला प्रशासन कार्य न होने की मुख्य वजह अखाड़ों के नाम भूमि का होना बता रहे हैं. जबकि, बैरागी कैंप में कुंभ मेले के कार्य न होने से बैरागी अखाड़ों के संत काफी नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने कुंभ मेले में शाही स्नान के बहिष्कार तक की बात कही है. बैरागी संप्रदाय के निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का कहना है कि बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के लिए स्थाई निर्माण हो यहां पर कई लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है, उसे हटाना चाहिए. मेला प्रशासन और शासन द्वारा अखाड़ों के लिए जो पैसा दिया गया है. उस पैसों से यहां पर कार्य होना चाहिए.

इनका कहना है कि कुंभ मेला अब नजदीक आ गया है लेकिन यहां पर कुंभ मेले का कोई भी स्वरूप देखने को नहीं मिल रहा है. न यहां सफाई की व्यवस्था है, न लाइट की. इन कार्यों के न होने से सभी बैरागी अखाड़ों के साधु संत नाराज है. ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम कुंभ मेले के शाही स्नान का बहिष्कार भी कर सकते हैं.

पढ़ें- DG अशोक कुमार होंगे उत्तराखंड के अगले पुलिस महानिदेशक

जनवरी 2021 से कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है, लेकिन अभी तक बैरागी कैंप में कुंभ के कार्य शुरू नहीं हो सके हैं, जिसका निरीक्षण करने अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह बैरागी कैंप पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बैरागी अखाड़ों की नाराजगी मैं उचित नहीं समझता हैं, क्योंकि सरकार द्वारा अखाड़ों को दिए गए पैसे को जहां लगाना है. वहां पर अखाड़ों के नाम भूमि होना जरूरी है. बैरागी अखाड़ों के नाम भूमि नहीं है, जिनके नाम भूमि है. उनके खातों में पहली किस्त के माध्यम से पैसा जा चुका है. बैरागी कैंप में कुंभ मेले को लेकर जितने भी कार्य होने हैं, वो कोरोना महामारी को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे. क्योंकि कोरोना महामारी एक बार फिर से बढ़ रही है. कई देशों में एक बार फिर लॉकडाउन शुरू हो गया है.

Last Updated : Nov 21, 2020, 5:25 PM IST
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