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जानिए...आखिर क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन

कोरोना संकट के बीच आज पूरे देश में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. आइये जानते हैं आखिर क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन...

Haridwar Rakshabandhan
Haridwar Rakshabandhan
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Published : Aug 3, 2020, 8:36 AM IST

हरिद्वार: प्रदेशभर में भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज बहुत ही शुभ दिन है, क्योंकि आज ही सावन का आखिरी सोमवार भी है. खास बात यह है कि इस बार सावन के पांच सोमवार पड़े हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित देवेंद्र आचार्य बताते हैं कि रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. आज बहनें अपने भाई के हाथों पर राखी बांधकर खुशहाली की कामना करती हैं, साथ ही भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं.

पंडित देवेंद्र आचार्य, ज्योतिषाचार्य.

इसलिए मनाया जाता है रक्षाबंधन

शास्त्रों के अनुसार एक बार देवासुर संग्राम हुआ. उस संग्राम में देवताओं की पराजय हो गई. तब इंद्र देव गुरु बृहस्पति के पास गए और उन्हें अपनी पराजय के बारे में बताया. साथ ही इंद्र ने कहा कि इस पराजय का बदला लेने के लिए हमें युद्ध तो करना ही होगा. यह बात इंद्राणी ने सुन ली. तब इंद्राणी ने कहा कि वो आप सभी के लिए एक रक्षा सूत्र तैयार करेंगी, जिसे विधि-विधान से ब्राह्मणों के द्वारा बंधवा लें. इसके बाद सभी देवताओं ने रक्षा सूत्र बांधा और विजय प्राप्त की. तभी से बहनों द्वारा भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधन का प्रचलन हो गया.

पढ़ें- आज है राखी का त्योहार, नैनीताल की दीप्ति ने फौजी भाइयों के लिए भेजा 'डोरी में प्यार'

रक्षा सूत्र बांधने की विधि

ज्योतिषाचार्य पंडित देवेंद्र आचार्य के अनुसार बहनों को रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधने के दौरान विशेष आरती करनी चाहिए. रोली चंदन और अक्षत लगाकर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. साथ ही भाई का मुंह मीठा भी करवाना चाहिए.

हरिद्वार: प्रदेशभर में भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज बहुत ही शुभ दिन है, क्योंकि आज ही सावन का आखिरी सोमवार भी है. खास बात यह है कि इस बार सावन के पांच सोमवार पड़े हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित देवेंद्र आचार्य बताते हैं कि रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. आज बहनें अपने भाई के हाथों पर राखी बांधकर खुशहाली की कामना करती हैं, साथ ही भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं.

पंडित देवेंद्र आचार्य, ज्योतिषाचार्य.

इसलिए मनाया जाता है रक्षाबंधन

शास्त्रों के अनुसार एक बार देवासुर संग्राम हुआ. उस संग्राम में देवताओं की पराजय हो गई. तब इंद्र देव गुरु बृहस्पति के पास गए और उन्हें अपनी पराजय के बारे में बताया. साथ ही इंद्र ने कहा कि इस पराजय का बदला लेने के लिए हमें युद्ध तो करना ही होगा. यह बात इंद्राणी ने सुन ली. तब इंद्राणी ने कहा कि वो आप सभी के लिए एक रक्षा सूत्र तैयार करेंगी, जिसे विधि-विधान से ब्राह्मणों के द्वारा बंधवा लें. इसके बाद सभी देवताओं ने रक्षा सूत्र बांधा और विजय प्राप्त की. तभी से बहनों द्वारा भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधन का प्रचलन हो गया.

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रक्षा सूत्र बांधने की विधि

ज्योतिषाचार्य पंडित देवेंद्र आचार्य के अनुसार बहनों को रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधने के दौरान विशेष आरती करनी चाहिए. रोली चंदन और अक्षत लगाकर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. साथ ही भाई का मुंह मीठा भी करवाना चाहिए.

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