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उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय वेद सम्मेलन में पहुंचे निशंक, दो पुस्तकों का किया विमोचन

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित वेद सम्मेलन में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने संस्कृत से संबंधित दो पुस्तकों का विमोचन किया.

ramesh pokhriyal nishank
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : Nov 30, 2019, 10:41 PM IST

Updated : Nov 30, 2019, 11:14 PM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय वेद सम्मेलन का समापन हो गया है. अंतिम दिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने संस्कृत से संबंधित दो पुस्तकों का विमोचन किया. इस दो दिवसीय संगोष्ठी में देश-विदेश से 80 से ज्यादा विद्वानों ने भाग लिया.

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित वेद सम्मेल.

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि सभी शास्त्र, सभी विधाएं, सभी विज्ञान का मूल स्रोत वेद हैं. वेद में ही सारा शास्त्र होता है और वेद में जितना भी ज्ञान है, वह लोगों के सामने आना चाहिए. इसके लिए वेद का पूरा अध्ययन होना चाहिए. इस अध्ययन के लिए संस्कृत विभाग और आईआईटी मोरल विज्ञान के साथ मिलकर के वेद के ज्ञान को आगे बढ़ाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः उद्धव-शरद की दोस्ती पर बड़ी भविष्यवाणी, जानिये क्या कायम रहेगा महाराष्ट्र गठबंधन ?

उन्होंने कहा दो दिवसीय वेद सम्मेलन में पूरे भारत से 80 से ज्यादा विद्वानों ने शिरकत किया था. जिसमें विद्वानों ने वेद के ज्ञान के बारे में बताया. साथ ही इसे लेकर अपने-अपने विचार रखे. इस सम्मेलन में वेदों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के उपाय को लेकर भी विचार रखे गए. वहीं, उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय भी वेदों के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए पूरे उत्तराखंड में संगोष्ठी करने जा रहा है.

हरिद्वारः उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय वेद सम्मेलन का समापन हो गया है. अंतिम दिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने संस्कृत से संबंधित दो पुस्तकों का विमोचन किया. इस दो दिवसीय संगोष्ठी में देश-विदेश से 80 से ज्यादा विद्वानों ने भाग लिया.

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित वेद सम्मेल.

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि सभी शास्त्र, सभी विधाएं, सभी विज्ञान का मूल स्रोत वेद हैं. वेद में ही सारा शास्त्र होता है और वेद में जितना भी ज्ञान है, वह लोगों के सामने आना चाहिए. इसके लिए वेद का पूरा अध्ययन होना चाहिए. इस अध्ययन के लिए संस्कृत विभाग और आईआईटी मोरल विज्ञान के साथ मिलकर के वेद के ज्ञान को आगे बढ़ाना चाहिए.

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उन्होंने कहा दो दिवसीय वेद सम्मेलन में पूरे भारत से 80 से ज्यादा विद्वानों ने शिरकत किया था. जिसमें विद्वानों ने वेद के ज्ञान के बारे में बताया. साथ ही इसे लेकर अपने-अपने विचार रखे. इस सम्मेलन में वेदों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के उपाय को लेकर भी विचार रखे गए. वहीं, उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय भी वेदों के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए पूरे उत्तराखंड में संगोष्ठी करने जा रहा है.

Intro:उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में दो दिवसीय वेद सम्मेलन का आज समापन हो गया समापन कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पहुंचे इस अवसर पर रमेश पोखरियाल निशंक ने संस्कृत से संबंधित दो पुस्तकों का विमोचन किया उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने डॉ निशंक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया कार्यक्रम की अध्यक्षता लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्या पीठ नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पांडे ने की दो दिवसीय संगोष्ठी में पूरे देश विदेश से 80 से ज्यादा विद्वानों ने भाग लिया उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के योग के छात्र छात्राओं ने योग की कई प्रस्तुतियां पेश की इस दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार ने संयुक्त रूप से कियाBody:उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय कुलपति देवी प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि सभी शास्त्र सभी विधियाए सभी विज्ञान का मूल स्रोत वेद है वेद में ही सारा शास्त्र होता है और वेद में जितना भी ज्ञान है वह लोगों के सामने आए इसके लिए वेद का पूरा अध्ययन होना चाहिए और इस अध्ययन के लिए संस्कृत विभाग और आईआईटी मोरल विज्ञान के साथ मिलकर के वेद के ज्ञान को आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि जो विद्वान है और उसकी विद्या देश के काम ना आए उस विद्या का क्या काम है देवी प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि दो दिवसीय वेद सम्मेलन में पूरे भारत से 80 से ज्यादा विद्वान आए थे और हमारे विश्वविद्यालय के शोध छात्रों के साथ-साथ भारत अलग हिस्सों से भी शोध छात्र इस सम्मेलन में आए इस सम्मेलन में 2 विदेश से भी वैज्ञानिक आए हैं इनका भी संस्कृत के लिए बड़ा योगदान है इस सम्मेलन का आयोजन महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा किया गया है उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा पूरे उत्तराखंड में वेद के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए संगोष्ठीया की जाएगी

बाइट--देवी प्रसाद त्रिपाठी--कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार
Conclusion:उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में दो दिवसीय वेद सम्मेलन में देशभर से आए विद्वानों ने वेद के माध्यम से किस तरह से देश कि लोगों को वेद के ज्ञान के बारे में बताया जा सकता है इसको लेकर अपने अपने विचार रखें इस सम्मेलन में वेदों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए क्या क्या उपाय करने चाहिए इसको लेकर भी इस सम्मेलन में कई विद्वानों ने अपने विचार रखे अब उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय भी वेदों के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए पूरे उत्तराखंड में संगोष्ठी करने जा रहा है
Last Updated : Nov 30, 2019, 11:14 PM IST
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