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टाइगर रिजर्व के कर्मियों की फीकी रही दिवाली, त्योहार के दिन भी सैलरी की मांग को लेकर दिया धरना - हरिद्वार में कर्मचारियों का धरना

जहां एक ओर पूरा देश दीपावली का त्योहार धूमधाम से मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर राजाजी टाइगर रिजर्व के आउटसोर्ट कर्मचारियों को त्योहार के दिन भी धरना देना पड़ा. इन कर्मियों को पिछले 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में इस बार उनकी दिवाली फीकी रही. इसके अलावा उन्होंने सभी आउटसोर्स कर्मियों को उपनल में समायोजित करने की मांग भी की.

Rajaji Tiger Reserve worker strike
टाइगर रिजर्व के कर्मियों की फीकी रही दिवाली
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Published : Oct 24, 2022, 10:15 PM IST

हरिद्वारः इस बार राजाजी टाइगर रिजर्व के आउटसोर्स कर्मियों की दिवाली फीकी रही. पार्क प्रशासन और सरकार इन कर्मियों से किए अपने वादे पूरा नहीं कर पाई. ऐसे में त्योहार के दिन भी आउटसोर्स कर्मचारियों को धरना देना पड़ा. इन कर्मियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसे लेकर कर्मी धरने पर हैं.

बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व की सभी रेंज के करीब 200 कर्मचारियों का धरना (Rajaji Tiger Reserve Outsourced Workers) कई दिनों से जारी है. कई बार पार्क प्रशासन की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद भी उनकी मांग अधर में लटकी है. कोई इन कर्मचारियों की सुध लेने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि दीपावली के त्योहार में भी उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

टाइगर रिजर्व के कर्मियों की फीकी रही दिवाली.

सोमवार को भी हरिद्वार के बिल्केश्वर रोड स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व के कार्यालय परिसर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने धरना (Workers did Strike For Demanding Salary) दिया. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की. साथ ही जल्द से जल्द वेतन देने और उपनल में समायोजित करने की मांग की. कर्मचारी समीर का कहना है कि बीते 7 महीने से लगातार नौकरी करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिससे उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.
ये भी पढ़ेंः दीपावली के दिन सुरई वन रेंज वॉचरों ने किया धरना प्रदर्शन, 14 महीनों से नहीं मिला वेतन

उन्होंने कहा कि वेतन को लेकर उनकी वार्डन और डायरेक्टर से वार्ता हुई थी. जिसके बाद दीपावली तक हर हाल में उन्हें वेतन देने की बात कही गई, लेकिन दिवाली पर भी उनके पास वेतन नहीं पहुंचा. उन्होंने सभी कर्मियों को उपनल में समायोजित करने की मांग भी की. साथ ही आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती को बंद करने की अपील की.

उनका आरोप है कि आउटसोर्स कंपनी ने कर्मचारियों का काफी पैसा गबन किया है. कई कर्मियों की ईएसआई (ESI) का पैसा जमा नहीं किया गया है. इसके अलावा कुछ लोगों को ईपीएफ (EPF) मिला तो कुछ को नहीं दिया गया. उन्होंने पूर्व ठेकेदार पर 6 महीने का ईपीएफ डकारने का आरोप भी लगाया.

वहीं, एक अन्य कर्मचारी शराफत अली ने बताया कि वो हड़ताल को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि त्योहार के दिन भी उन्हें धरना देना पड़ रहा है. उन्होंने पार्क निदेशक से उनकी गुहार सुनने की अपील भी की. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी मांगों पर निदेशक एक प्रस्ताव सचिव या सरकार को सौंपेंगे.

हरिद्वारः इस बार राजाजी टाइगर रिजर्व के आउटसोर्स कर्मियों की दिवाली फीकी रही. पार्क प्रशासन और सरकार इन कर्मियों से किए अपने वादे पूरा नहीं कर पाई. ऐसे में त्योहार के दिन भी आउटसोर्स कर्मचारियों को धरना देना पड़ा. इन कर्मियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसे लेकर कर्मी धरने पर हैं.

बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व की सभी रेंज के करीब 200 कर्मचारियों का धरना (Rajaji Tiger Reserve Outsourced Workers) कई दिनों से जारी है. कई बार पार्क प्रशासन की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद भी उनकी मांग अधर में लटकी है. कोई इन कर्मचारियों की सुध लेने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि दीपावली के त्योहार में भी उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

टाइगर रिजर्व के कर्मियों की फीकी रही दिवाली.

सोमवार को भी हरिद्वार के बिल्केश्वर रोड स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व के कार्यालय परिसर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने धरना (Workers did Strike For Demanding Salary) दिया. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की. साथ ही जल्द से जल्द वेतन देने और उपनल में समायोजित करने की मांग की. कर्मचारी समीर का कहना है कि बीते 7 महीने से लगातार नौकरी करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिससे उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.
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उन्होंने कहा कि वेतन को लेकर उनकी वार्डन और डायरेक्टर से वार्ता हुई थी. जिसके बाद दीपावली तक हर हाल में उन्हें वेतन देने की बात कही गई, लेकिन दिवाली पर भी उनके पास वेतन नहीं पहुंचा. उन्होंने सभी कर्मियों को उपनल में समायोजित करने की मांग भी की. साथ ही आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती को बंद करने की अपील की.

उनका आरोप है कि आउटसोर्स कंपनी ने कर्मचारियों का काफी पैसा गबन किया है. कई कर्मियों की ईएसआई (ESI) का पैसा जमा नहीं किया गया है. इसके अलावा कुछ लोगों को ईपीएफ (EPF) मिला तो कुछ को नहीं दिया गया. उन्होंने पूर्व ठेकेदार पर 6 महीने का ईपीएफ डकारने का आरोप भी लगाया.

वहीं, एक अन्य कर्मचारी शराफत अली ने बताया कि वो हड़ताल को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि त्योहार के दिन भी उन्हें धरना देना पड़ रहा है. उन्होंने पार्क निदेशक से उनकी गुहार सुनने की अपील भी की. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी मांगों पर निदेशक एक प्रस्ताव सचिव या सरकार को सौंपेंगे.

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