हरिद्वारः महाकुंभ में अब अलग-अलग रंग दिखाई देने लगे हैं. अखाड़ों में जहां धर्मध्वजा के नीचे धार्मिक क्रिया-कलाप आरंभ हो गए हैं. तो वहीं अब अखाड़ों में संतों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया जा रहा है. बुधवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया
इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ऋषिकेश से हैं. वो धर्म की परंपराओं का पालन करते हैं. वें परंपरागत साधु हैं. आज गौरव का दिन है कि मुझे इनका पट्टाभिषेक करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि जीवन की श्रृंखला में महामंडलेश्वर पद एक महत्वपूर्ण पद है. हम और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा निरंतर ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनाने का प्रयास करते हैं जिसके द्वारा हमारी संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता आया है.
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वहीं, इस मौके पर राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि गौ-सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के प्रति जवाबदारी बढ़ी है. आचार्य जी और अखाड़े ने मुझे जो आदर-सम्मान और सत्कार दिया है. मैं उनका पूरा मान और सम्मान रखते हुए अपने नियमों और सनातन धर्म की क्रियाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा. उन्होंने कहा कि मुझे सभी संतों का आशीर्वाद मिला, इसके लिए मैं सभी संतों का धन्यवाद करता हूं.