ETV Bharat / state

निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बने राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज

बुधवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने उनका पट्टाभिषेक किया. राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि इस मान और सम्मान के लिए हमेशा सनातन धर्म की क्रियाओं पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा.

haridwar
हरिद्वार
author img

By

Published : Mar 10, 2021, 5:53 PM IST

हरिद्वारः महाकुंभ में अब अलग-अलग रंग दिखाई देने लगे हैं. अखाड़ों में जहां धर्मध्वजा के नीचे धार्मिक क्रिया-कलाप आरंभ हो गए हैं. तो वहीं अब अखाड़ों में संतों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया जा रहा है. बुधवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया

निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बने राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज

इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ऋषिकेश से हैं. वो धर्म की परंपराओं का पालन करते हैं. वें परंपरागत साधु हैं. आज गौरव का दिन है कि मुझे इनका पट्टाभिषेक करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि जीवन की श्रृंखला में महामंडलेश्वर पद एक महत्वपूर्ण पद है. हम और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा निरंतर ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनाने का प्रयास करते हैं जिसके द्वारा हमारी संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता आया है.

ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि पर पड़ने वाले शाही स्नान को लेकर साधु-संतों में भारी उत्साह

वहीं, इस मौके पर राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि गौ-सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के प्रति जवाबदारी बढ़ी है. आचार्य जी और अखाड़े ने मुझे जो आदर-सम्मान और सत्कार दिया है. मैं उनका पूरा मान और सम्मान रखते हुए अपने नियमों और सनातन धर्म की क्रियाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा. उन्होंने कहा कि मुझे सभी संतों का आशीर्वाद मिला, इसके लिए मैं सभी संतों का धन्यवाद करता हूं.

हरिद्वारः महाकुंभ में अब अलग-अलग रंग दिखाई देने लगे हैं. अखाड़ों में जहां धर्मध्वजा के नीचे धार्मिक क्रिया-कलाप आरंभ हो गए हैं. तो वहीं अब अखाड़ों में संतों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया जा रहा है. बुधवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया

निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बने राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज

इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ऋषिकेश से हैं. वो धर्म की परंपराओं का पालन करते हैं. वें परंपरागत साधु हैं. आज गौरव का दिन है कि मुझे इनका पट्टाभिषेक करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि जीवन की श्रृंखला में महामंडलेश्वर पद एक महत्वपूर्ण पद है. हम और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा निरंतर ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनाने का प्रयास करते हैं जिसके द्वारा हमारी संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता आया है.

ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि पर पड़ने वाले शाही स्नान को लेकर साधु-संतों में भारी उत्साह

वहीं, इस मौके पर राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि गौ-सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के प्रति जवाबदारी बढ़ी है. आचार्य जी और अखाड़े ने मुझे जो आदर-सम्मान और सत्कार दिया है. मैं उनका पूरा मान और सम्मान रखते हुए अपने नियमों और सनातन धर्म की क्रियाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा. उन्होंने कहा कि मुझे सभी संतों का आशीर्वाद मिला, इसके लिए मैं सभी संतों का धन्यवाद करता हूं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.