हरिद्वारः प्रदेश में होली का खुमार अब सबके सिर पर चढ़ने लगा है. जगह-जगह शोर शराबे के बीच होली मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. वहीं, हरिद्वार में जाट महासभा की ओर से अलग अंदाज में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार होली में रागिनी का भव्य आयोजन किया गया.
देशभर में होली पर्व से पहले ही होली की धूम मची है. उत्तराखंड में भी पहाड़ी होली का जगह-जगह आयोजन किया जा रहा है. लेकिन हरिद्वार के नेहरू युवा केंद्र में हुई जाट महासभा की होली बेहद अलग रही. होली में ना तो बॉलीवुड के गीत थे और ना ही ज्यादा शोर शराबा. बल्कि जाट महासभा द्वारा होली के इस भव्य आयोजन में पहली बार रागिनी का आयोजन किया गया.
इस होली के आयोजन में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों ने प्रतिभाग किया. रागिनी सुनने के लिए वैसे तो ग्रामीण परिवेश के लोग ही रुचि रखते हैं. लेकिन हरिद्वार के नेहरू युवा केंद्र में इस होली में उमड़ी भीड़ यह बता रही थी कि अगर संस्कार और समाज से किसी को जोड़ना हो तो इस तरह के आयोजन बेहद जरूरी हैं. इस होली में बेहद शांति और शालीनता से महिलाएं, बच्चे, पुरुष हर वर्ग का व्यक्ति रागनी सुन रहा था. बाहर से आए कलाकारों ने अपने अंदाज में समा बांध कर रखा.
ये भी पढ़ेंः फूल देई, छम्मा देई, दैणी द्वार, भर भकार...बच्चों संग बड़ों ने भी मनाई "फूलदेई"
इस होली में रागिनी गाने वाले कलाकार महाभारत रामायण और धार्मिक मान्यताओं को बड़ी बखूबी से रागिनी के माध्यम से बता रहे थे और सामने बैठे श्रोता भी इसका खूब आनंद ले रहे थे. जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी का कहना है कि इस तरह के आयोजन जाट महासभा अब आए दिन करेगी. ताकि जाट समाज के लोग और दूसरे समाज के लोगों को यह पता लग सके कि हमारा समाज क्या है और हमारी संस्कृति सभ्यता क्या है.