हरिद्वार: गंगा स्कैप चैनल मामले को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने पिछले कई दिनों से तीर्थ पुरोहित मुखर हैं और धरने देकर विरोध जता रहे हैं. वहीं सरकार द्वारा इस मामले को संजीदगी से न लिए जाने का आरोप लगाते हुए तीर्थ पुरोहितों ने 15 अक्टूबर से क्रमिक अनशन की चेतावनी दी है. गौर हो कि पुरोहित समाज पिछले 22 दिनों से हर की पौड़ी पर धरने पर बैठे हैं. तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा मांग की जा रही है कि वर्तमान सरकार जल्द इस शासनादेश को रद्द किया जाए, जिससे की सनातन धर्म को मानने वाले लोगों की भावना को आहत होने से बचाया जा सके. जिसके लिए बीते दिन तीर्थ पुरोहित समाज ने गंगा स्कैप चैनल वाले शासनादेश को रद्द करने की मांग को लेकर हर की पैड़ी, ब्रह्मकुंड पर सद्बुद्धि यज्ञ किया था.
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वहीं, तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को सुराज सेवा दल ने समर्थन दिया है. सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने कहा कि हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा जल की अविरल धारा को स्कैप चैनल घोषित कर गंगा की अस्मिता से खिलवाड़ किया जा रहा है. गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी गलती के लिए संतों के समक्ष माफी मांग चुके हैं. लेकिन गंगा के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार वादा करने के बावजूद अध्यादेश पर कुण्डली मारकर बैठी हुई है.
वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से आए संकल्प क्रांति न्यास भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पांडे ने कहा कि बीजेपी सरकार अपने आप को हिंदुत्ववादी सरकार बताती है तो फिर क्यों आस्था की प्रतीक मां गंगा को उनका सम्मान वापस नहीं दिला सकती है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द से जल्द इस शासनादेश को वापस नहीं लेती तो यह आंदोलन पूरे देश भर में चलाया जाएगा. धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि 15 अक्टूबर से हम क्रमिक अनशन की शुरुआत कर देंगे.
क्या है स्कैप चैनल विवाद
एनजीटी ने गंगा से 200 मीटर की दूरी पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है. जिसके बाद तत्कालीन हरीश सरकार ने 2015 में शासनादेश जारी करते हुए हरकी पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था. तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने निर्माणाधीन होटल, धर्मशाला और दूसरे प्रोजेक्ट को पूरे करवाने के लिए ही यह शासनादेश जारी किया था. हरीश सरकार के इस फैसले का हर जगह विरोध हुआ था. वहीं इस मामले में बीजेपी ने जमकर राजनीति की थी, लेकिन सत्ता में आते ही इस मामले की ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.