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श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस का संत समाज ने किया विरोध, CM से की तत्काल कार्रवाई की मांग - Haridwar Mangalore Slotter House

साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था निरंजनी अखाड़े में अहम बैठक आयोजित की गई.  जिसमें मंगलौर स्लॉटर हाउस और श्राइन बोर्ड का संत समाज ने पुरजोर विरोध किया.

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बैठक में संत समाज.
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Published : Dec 10, 2019, 5:23 PM IST

हरिद्वार: साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था निरंजनी अखाड़े में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि के मौजूद न होने पर कुंभ मेले के कार्यों को लेकर कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया. बैठक के दरमियान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद की बैठक में दो मुख्य प्रस्ताव पास किए गए हैं. जिसमें मंगलौर स्लॉटर हाउस और श्राइन बोर्ड का संत समाज ने पुरजोर विरोध किया.

बैठक में अखाड़ा परिषद की सरकार के खिलाफ दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव को पास किया गया हरिद्वार के मंगलौर में बनने वाले स्लॉटर हाउस और सरकार द्वारा बनाए जा रहे श्राइन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पास किया गया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि अखाड़ा परिषद की बैठक में दो मुख्य प्रस्ताव पास किए गए हैं मंगलौर में स्लॉटर हाउस खोला जा रहा है जिसका संत समाज पुरजोर विरोध करता हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसे बंद करने की मांग की है.

पढ़ें-श्राइन बोर्ड पर आमने-सामने बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक

उन्होंने आगे कहा कि हरिद्वार में रोजाना लाखों श्रद्धालु आते हैं और इस स्थान से लोगों की अटूट आस्था जुड़ी है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड में ही स्लॉटर हाउस नहीं होने चाहिए अगर इसको तत्काल बंद नहीं किया गया तो अखाड़ा परिषद इसका पुरजोर विरोध करेगा. उन्होंने इसके लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अपील करते हुए कहा कि बंद करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास करे. बैठक में दूसरा प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार श्राइन बोर्ड को लेकर पास हुआ.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार श्राइन बोर्ड बनाकर मठ मंदिरों को अपने अधीन लेने की तैयारी कर रही है. इसका अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद विरोध करता है और हमेशा करता रहेगा. उन्होंने कहा कि साधु संत सदियों से सनातन धर्म की रक्षा करते आ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी ऐसा ही प्रस्ताव लाई थी, मगर साधु-संतों के विरोध के बाद पीछे हटना पड़ा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से कहना चाहते हैं कि मंदिरों को छोड़ दिया जाए उनको अपनी परंपरा के अनुसार चलने दिया जाए. अखाड़ा परिषद की इस बैठक में कुंभ मेले को लेकर कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया, क्योंकि अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी इस बैठक में मौजूद नहीं थे. अब कल कुंभ मेले को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी.

हरिद्वार: साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था निरंजनी अखाड़े में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि के मौजूद न होने पर कुंभ मेले के कार्यों को लेकर कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया. बैठक के दरमियान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद की बैठक में दो मुख्य प्रस्ताव पास किए गए हैं. जिसमें मंगलौर स्लॉटर हाउस और श्राइन बोर्ड का संत समाज ने पुरजोर विरोध किया.

बैठक में अखाड़ा परिषद की सरकार के खिलाफ दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव को पास किया गया हरिद्वार के मंगलौर में बनने वाले स्लॉटर हाउस और सरकार द्वारा बनाए जा रहे श्राइन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पास किया गया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि अखाड़ा परिषद की बैठक में दो मुख्य प्रस्ताव पास किए गए हैं मंगलौर में स्लॉटर हाउस खोला जा रहा है जिसका संत समाज पुरजोर विरोध करता हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसे बंद करने की मांग की है.

पढ़ें-श्राइन बोर्ड पर आमने-सामने बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक

उन्होंने आगे कहा कि हरिद्वार में रोजाना लाखों श्रद्धालु आते हैं और इस स्थान से लोगों की अटूट आस्था जुड़ी है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड में ही स्लॉटर हाउस नहीं होने चाहिए अगर इसको तत्काल बंद नहीं किया गया तो अखाड़ा परिषद इसका पुरजोर विरोध करेगा. उन्होंने इसके लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अपील करते हुए कहा कि बंद करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास करे. बैठक में दूसरा प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार श्राइन बोर्ड को लेकर पास हुआ.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार श्राइन बोर्ड बनाकर मठ मंदिरों को अपने अधीन लेने की तैयारी कर रही है. इसका अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद विरोध करता है और हमेशा करता रहेगा. उन्होंने कहा कि साधु संत सदियों से सनातन धर्म की रक्षा करते आ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी ऐसा ही प्रस्ताव लाई थी, मगर साधु-संतों के विरोध के बाद पीछे हटना पड़ा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से कहना चाहते हैं कि मंदिरों को छोड़ दिया जाए उनको अपनी परंपरा के अनुसार चलने दिया जाए. अखाड़ा परिषद की इस बैठक में कुंभ मेले को लेकर कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया, क्योंकि अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी इस बैठक में मौजूद नहीं थे. अब कल कुंभ मेले को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी.

Intro:ANCHOR :-हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े में हुई साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद की बैठक में  आज उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए श्राइन बोर्ड के निर्णय का अखाड़ा परिषद ने विरोध किया अखाड़ा परिषद  के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी  का कहना था कि श्राइन  बोर्ड की उत्तराखंड में क्या जरूरत है उत्तराखंड में  श्राइन   बोर्ड होना ही नहीं चाहिए।

Body:Vo1 निरंजनी अखाड़े में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में आज  उत्तराखंड में सरकार द्वारा मठ मंदिरों को सरकार के अधीन कर श्राइन बोर्ड बनाने के कानून का भी विरोध किया गया साथ ही हरिद्वार में बनने वाले स्लाटर हाउस का भी अखाड़ा परिषद के संतों ने एक स्वर से विरोध किया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया उत्तराखंड में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने पर अखाड़ा परिषद उत्तराखंड सरकार का पुरजोर विरोध करेगी उन्होंने कहा की मठ  मंदिरों से दान में आने वाली राशि पर भी सरकार की नजर है जबकि इससे पुरोहितों और साधु-संतों धर्मार्थ के कार्य चलाते हैं सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए।Conclusion:बाइट -नरेंद्र  गिरी (अखाड़ा परिषद अध्यक्ष )
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