हरिद्वार: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं. इसके बाद से ही देश में आक्रोश का माहौल है. धर्मनगरी हरिद्वार के मालवीय घाट पर स्थानीय लोगों ने गंगा में पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
आक्रोशित लोगों ने चीन के पुतले जलाकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लोगों से चाइना से जुड़ी सभी वस्तुओं का बहिष्कार करने की अपील की गई. पूर्व सैनिक अंकेश भाटी ने कहा कि चीन को जवाब देने का समय आ गया है. चीन को जवाब देने के लिए केवल सेना ही नहीं आम जनता को भी आगे आना होगा.
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उन्होंने कहा हमें चाइना से आने वाले सामान का बहिष्कार करके चीन को मुंहतोड़ जवाब देना होगा. इस दौरान श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि चीन के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ है. उन्होंने कहा कि वे सभी राजनैतिक दलों से अपील करते हैं कि सेना के मुद्दे पर सभी को राजनीति छोड़कर एकजुटता दिखाते हुए आगे आना चाहिए.
बता दें बता दें कि सोमवार की रात में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है. जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. सूत्रों के हवाले से इंटरसेप्ट के आधार पर हासिल जानकारी में बताया कि झड़प में 43 चीनी सैनिक भी मारे गए हैं, या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हालांकि भारतीय सेना ने अपने बयान में इसका ज़िक्र नहीं किया है. भारत-चीन सीमा क्षेत्र में मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.