रुड़की: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को साकार करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. बेटियों की शिक्षा में कोई बाधा न हो इसलिए बेहतर शिक्षा के लिए कई योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. वहीं, उत्तराखंड में राजकीय कन्या विद्यालय की प्रधानाचार्य ने हाईस्कूल पास की हुई 4 बेटियों का भविष्य अंधकार में डुबा दिया है.
दरअसल, मामला रुड़की के मंगलौर में राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (Government Girls Higher Secondary School) का है. विद्यालय में अध्ययन कर रहीं मंगलौर की छात्राओं ने कक्षा 10 की परीक्षा पास की थी. आरोप है कि विद्यालय की प्रधानाचार्य ने कई छात्राओं की टीसी (transfer certificate) में लाल पेन से छात्रा के आचरण को दर्शाया है. प्रधानाचार्य ने आचरण में छात्रा का निराशजनक विवरण दर्शाया है.
प्रधानाचार्य ने टीसी में मार्क किया है कि 14 साल की छात्राएं विद्यालय में राजनीति करने, विभागीय आदेश की अवहेलना करने, प्रधानाचार्य का अपमान करने में संलिप्त रही हैं. छात्राओं का व्यवहार असंतोजनक बताया है. जिससे छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. वहीं, ऐसी स्थिति में छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है.
वहीं, छात्राओं की टीसी में लाल पेन से मार्क आचरण देखकर परिजनों के भी होश उड़े हुए हैं. शिक्षक के ऐसे व्यवहार को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. आखिरकार एक महिला शिक्षक बेटियों के भविष्य को बर्बाद कैसे कर सकती है?
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उच्चाधिकारियों के भी होश उड़े: मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो अधिकारियों के भी सिर चकराने लगे. आनन-फानन में विद्यालय के प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण का नोटिस जारी कर दिया. मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अगर छात्राओं से किसी तरह की कोई गलती हुई थी, तो उन्हें अभिभावकों को सूचित करना चाहिए था. इस तरह से टीसी पर रेड पेन से लिखना बहुत दुभाग्यपूर्ण है और मामले की जांच की जा रही है.