हरिद्वार: पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म कराने के लिए इस बार जो लोग कोरोना के चलते हरिद्वार नहीं पहुंच पाए हैं, उनके लिए हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों द्वारा पिंडदान और तर्पण आदि कार्य करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. अब कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पूर्वजों का पिंडदान, तर्पण आदि कार्य घर बैठे कर सकता है. इस ऑनलाइन सुविधा के अंतर्गत तीर्थ पुरोहितों द्वारा पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड कराया जाता है. आखिर किस तरह से किया जा रहा है अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध और पिंडदान देखिए हमारी खास रिपोर्ट.
आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध करना बेहद जरूरी होता है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए लोगों द्वारा पिंडदान, तर्पण आदि कार्य किये जाते हैं. पितृपक्ष के दौरान हरिद्वार हर साल भारी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान आदि कार्य कराने पहुंचते हैं. शास्त्रों के अनुसार अगर पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध ना किया जाए तो वह क्रोधित हो जाते हैं. जिसके कारण हमें जीवन भर भारी कष्टों का सामना करना पड़ता है.
हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित विपुल शर्मा का कहना है कि पितृ पक्ष में विभिन्न सोशल मीडिया के जरिए पितरों का पिंडदान और तर्पण आदि कार्य किया जा सकता है. रोजाना कई लोगों के फोन आ रहे हैं. हमारे माध्यम से अभी तक 20 से 25 परिजनों द्वारा ऑनलाइन तर्पण, पिंडदान आदि कार्य कराये जा चुके हैं. ऑनलाइन श्राद्ध और पिंडदान कराने के बाद लोगों को अच्छा अनुभव प्राप्त हो रहा है.
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तीर्थ पुरोहित अंकित शर्मा का कहना है कि इस तरह ऑनलाइन पिंडदान आदि कार्य कराना शास्त्र संबद्ध है. ऑनलाइन पूजा से लोग अपने घरों पर होते हैं और सामान्य तौर पर पिंडदान करने वाला सामने बैठकर पूजा करता है. दोनों में बस यही फर्क है कि हमारे द्वारा पिंडदान करने वाले को बताया जाता है कि आपको यह सामग्री एकत्र करके रखनी है. इस दौरान पिंडदान करने वाले के प्रतिनिधि के रूप में ब्राह्मण पूजा करता है. जो फल पूजा का हरिद्वार आने पर मिलता है वही फल घर पर ऑनलाइन पूजा करने से भी मिलता है. ऑनलाइन सुविधा में पूजा पूरे विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ कराई जा रही है.
वहीं, जो लोग पितृपक्ष के दौरान कोरोना के चलते हरिद्वार पहुंच कर्म कराने में असमर्थ है, वह अपने घर पर ऑनलाइन श्राद्ध कर संतोष की अनुभूति महसूस कर रहे हैं. वहीं, ऑनलाइन श्राद्ध और पिंडदान कराने वाले लोग दूसरों को भी पिंडदान, तर्पण आदि कराने की गुजारिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि सभी लोगों को इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए और इस तरह से पूजा करने से अलग ही अनुभूति प्राप्त होती है.