रुड़की: गुरुकुल नारसन में इंसानियत शर्मशार होने का मामला सामने आया है. यहां हाईवे किनारे झोपड़ पट्टी में रहने वाला एक गरीब परिवार रहता है. परिवार की गर्भवती महिला ने बीती देर रात करीब 2:30 बजे सड़क पर ही एक बच्ची को जन्म दिया है.
वहीं, परिवार के मुखिया राजेश ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती थी, जिसकी डिलिवरी होनी थी. अस्पताल से 100 कदम की दूरी पर ही गर्भवती महिला ने सड़क पर एक बच्ची को जन्म दिया है. बच्ची के जन्म के बाद बच्ची का पिता नवजात बच्ची को गुरुकुल नारसन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर पहुंचा, लेकिन बच्ची की मां को अस्पताल नहीं ले जा पाया.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सुरक्षा गार्ड को पीड़ित व्यक्ति ने सड़क पर डिलीवरी होने की बात बताई. लेकिन गार्ड ने अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर वापस भेज दिया. पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि वो गुरुकुल नारसन अस्पताल कई बार अस्पताल गए लेकिन हर बार उन्हें वापस भेज दिया गया.
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पीड़ित राजेश ने बताया कि उनकी पत्नी ने सड़क पर ही बच्ची को जन्म दिया है. आसपास रहने वाली महिलाओं मदद की है. मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद चिकित्सा अधीक्षक विवेक तिवारी हरकत में आए. उन्होंने सरकारी एम्बुलेंस भेजकर महिला को अस्पताल में भर्ती कर लिया है. महिला को उचित इलाज दिया जा रहा है.
चिकित्सा अधीक्षक विवेक तिवारी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर जच्चा या बच्चा को कुछ जाता तो इसकी जिम्मेदार कौन होता.