हरिद्वारः उत्तराखंड के हरिद्वार में डाकघर में गबन का एक और मामला सामने आया है. जहां औरंगाबाद डाकघर शाखा के कर्मचारी पर लाखों रुपए के गबन का आरोप लगा है. इससे पहले भी बीती जनवरी महीने में डाकपाल पर एक लाख रुपए का गबन का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद अब यहां तैनात सहायक शाखा डाकपाल ने 5.53 लाख रुपए उड़ा लिए. फिलहाल, मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सिडकुल थाना पुलिस के मुताबिक, डाकघर उपमंडल हरिद्वार के सहायक अधीक्षक दीपक शर्मा ने पुलिस में एक शिकायत दी है. जिसमें उन्होंने बताया कि डाकघर औरंगाबाद शाखा में बलजीत सिंह निवासी ग्राम ब्रह्मपुरी रावली महदूद सिडकुल सहायक शाखा डाकपाल के पद पर कई सालों से कार्यरत हैं. बलजीत के कार्यों को लेकर शत-प्रतिशत सत्यापन कराया गया. उसके कार्यकाल में सरकारी धन का गबन करने का खुलासा हुआ है.
आरोप है कि बलजीत ने एक जनवरी 2016 से लेकर 16 अगस्त 2021 तक कार्यवाहक शाखा डाकपाल औरंगाबाद के पद पर कार्यरत रहते हुए 5.53 लाख रुपए का गबन किया है. सहायक अधीक्षक दीपक शर्मा की तरफ से बलजीत सिंह के खिलाफ गबन समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इंस्पेक्टर सिडकुल रमेश सिंह तनवार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
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हरिद्वार आश्रम में लूट मामले में कई लोगों के खिलाफ केस दर्जः हरिद्वार में धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला उत्तरी हरिद्वार स्थित एक आश्रम से सामने आया है. जहां आश्रम में घुसकर कब्जे का प्रयास करने और जेवरात, नकदी लूट लेने के आरोप में पुलिस ने नौ नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जबकि, बीजेपी पार्षद खुद को बचाने में सफल रहा.
कोतवाली हरिद्वार पुलिस के अनुसार, 18 जनवरी को भूपतवाला सप्त सरोवर मार्ग स्थित सत्संग आश्रम में रहने वाले महंत प्रमोद शास्त्री अपने शिष्य के साथ बिजली का बिल जमा करने के लिए गए थे. तभी पड़ोस में रहने वाला परिवार काफी संख्या में लोगों को लेकर अपने साथ आश्रम में घुस आया था. आरोप था कि उनकी पत्नी राधा तिवारी, बेटी पावनी, वैदेही को पीटते हुए आश्रम परिसर से घसीटकर बाहर निकाल दिया.
आरोपियों की कोशिश आश्रम पर किसी भी तरह जबरन कब्जा करने की थी, लेकिन हंगामे की सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंची. पुलिस सभी को चौकी ले आई थी, घंटों चली नोकझोंक के बाद उस समय चौकी में समझौता हो गया. आरोप है कि रात में जब आश्रम पहुंचे तो डीवीआर क्षतिग्रस्त मिली. जबकि, प्रमोद की मां, पत्नी के अलावा मंदिर की मूर्ति से जेवरात और बैग में रखी लाखों रुपए की नकदी और आश्रम के दस्तावेज गायब मिले थे.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि दस्तावेज आश्रम पर कब्जा करने के लिए गायब किए गए. इस पूरे प्रकरण में एक बीजेपी पार्षद भी भूमिका बताई गई थी. पीड़ित परिवार की कई दिन से पुलिस के चक्कर काट रहा था. जबकि, गुरुवार को कांग्रेसी पार्षदों ने भी मुलाकात कर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई थी. शुक्रवार को पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.
वहीं, नगर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि आरोपी राकेश यादव, उसकी पत्नी विद्या, पुत्र शिवम यादव, दिव्यम, पुत्रवधु विद्या और बबलू, अतुल, प्रदीप उर्फ कल्लन, सोनिया और करीब 25 अज्ञात के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.