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कुंभ 2021: तीर्थयात्रियों को मूलभूत सुविधा देने में असमर्थ हरिद्वार, तो कैसे संभालेगा प्रशासन करोड़ों श्रद्धालुओं का भार?

हरिद्वार शहर की वर्तमान स्थिति को देखकर को नहीं लगाता कि ये शहर 2021 में होने वाले महाकुंभ का भार सहन नहीं कर पाएगा. क्योंकि इस शहर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.

Haridwar
हरिद्वार
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Published : Dec 5, 2019, 10:42 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 11:54 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में रोज हजारों की संख्या में तीर्थयात्री गंगा के स्नान करने के लिए आते हैं. इन तीर्थयात्रियों को हरिद्वार में प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कितनी मूलभूत सुविधाएं मिल रही है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने शहर में प्याऊ और शौचालय के साथ गंगा घाटों पर सफाई व्यवस्था का हाल जाने का प्रयास किया.

हरिद्वार में अधिकाश तीर्थयात्री ट्रेन और बसों से ही आते है. हरिद्वार में रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड भी आमने-सामने ही है. लेकिन आपकों जानकर ताज्जुब होगा कि यहां पर प्याऊ और शौचालय बदहाल स्थिति में है. अधिकाश प्याऊ पर टूटियां नदारद थी. स्थानीय लोगों ने भी इस बात की तस्दीक की है कि यहां प्याऊ दिखावे मात्र के लिए रखे गए हैं, इनमें पानी कभी आता ही नहीं है.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव

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इसके ईटीवी भारत की टीम हरकी पैड़ी पर गई, जहां रोज हजारों की संख्या में तीर्थयात्री मां गंगा में स्नान करने आते हैं. बता दें कि स्नान पर्व और त्योहार पर तो यहां श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. उम्मीद थी कि यहां पर तो प्याऊ और शौचालय की व्यवस्था अच्छी होगी, लेकिन यहां भी प्याऊ और शौचालय के हाल रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड के जैसे ही थे. हरकी पैड़ी के आसपास जितनी भी मार्केट है वहां किसी भी शौचलाय में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. शौचालय तो छोड़ दीजिए गंगा घाटों पर भी गंदगी का अंबार लगा हुआ था.

जब इस बारे में हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा ने बात कि गई तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि तीर्थयात्रियों को किसी तरह के परेशानी हो उसका ध्यान रखा जा रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर सहमति जरूर जताई है कि शहर में प्याऊ और शौचालय स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने जल्द से जल्द समाधान के आश्वासन की घुट्टी पिला दी.

पढ़ें- हल्द्वानी: मिड-डे मील बनाने के दौरान फटा प्रेशर कुकर, टला बड़ा हादसा

शहर में फैली इन अव्यवस्थाओं जब मुख्य नगर आयुक्त उदय सिंह राणा से सवाल किया गया तो वे भी सवालों से बचते हुए नजर आए. उन्होंने सिर्फ यही कहा कि नगर निगम ने शौचालयों की जिम्मेदारी एजेंसियों और एनजीओ को दे रखी है. वो इन सुविधाओं के बदले शुल्क लेते है और इन्हें चलाते हैं.

शहर में फैली अव्यवस्थाओं को देखकर यही लग रहा है कि आगामी 2021 में होने वाले हरिद्वार महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ कागजों पर चल रही हैं. क्योंकि जो शहर अभी हजारों तीर्थयात्रियों को मुलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रहा वो आने महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं का बोझ कैसे उठाएगा?

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में रोज हजारों की संख्या में तीर्थयात्री गंगा के स्नान करने के लिए आते हैं. इन तीर्थयात्रियों को हरिद्वार में प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कितनी मूलभूत सुविधाएं मिल रही है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने शहर में प्याऊ और शौचालय के साथ गंगा घाटों पर सफाई व्यवस्था का हाल जाने का प्रयास किया.

हरिद्वार में अधिकाश तीर्थयात्री ट्रेन और बसों से ही आते है. हरिद्वार में रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड भी आमने-सामने ही है. लेकिन आपकों जानकर ताज्जुब होगा कि यहां पर प्याऊ और शौचालय बदहाल स्थिति में है. अधिकाश प्याऊ पर टूटियां नदारद थी. स्थानीय लोगों ने भी इस बात की तस्दीक की है कि यहां प्याऊ दिखावे मात्र के लिए रखे गए हैं, इनमें पानी कभी आता ही नहीं है.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव

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इसके ईटीवी भारत की टीम हरकी पैड़ी पर गई, जहां रोज हजारों की संख्या में तीर्थयात्री मां गंगा में स्नान करने आते हैं. बता दें कि स्नान पर्व और त्योहार पर तो यहां श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. उम्मीद थी कि यहां पर तो प्याऊ और शौचालय की व्यवस्था अच्छी होगी, लेकिन यहां भी प्याऊ और शौचालय के हाल रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड के जैसे ही थे. हरकी पैड़ी के आसपास जितनी भी मार्केट है वहां किसी भी शौचलाय में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. शौचालय तो छोड़ दीजिए गंगा घाटों पर भी गंदगी का अंबार लगा हुआ था.

जब इस बारे में हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा ने बात कि गई तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि तीर्थयात्रियों को किसी तरह के परेशानी हो उसका ध्यान रखा जा रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर सहमति जरूर जताई है कि शहर में प्याऊ और शौचालय स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने जल्द से जल्द समाधान के आश्वासन की घुट्टी पिला दी.

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शहर में फैली इन अव्यवस्थाओं जब मुख्य नगर आयुक्त उदय सिंह राणा से सवाल किया गया तो वे भी सवालों से बचते हुए नजर आए. उन्होंने सिर्फ यही कहा कि नगर निगम ने शौचालयों की जिम्मेदारी एजेंसियों और एनजीओ को दे रखी है. वो इन सुविधाओं के बदले शुल्क लेते है और इन्हें चलाते हैं.

शहर में फैली अव्यवस्थाओं को देखकर यही लग रहा है कि आगामी 2021 में होने वाले हरिद्वार महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ कागजों पर चल रही हैं. क्योंकि जो शहर अभी हजारों तीर्थयात्रियों को मुलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रहा वो आने महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं का बोझ कैसे उठाएगा?

Intro:Anchor-  आगामी वर्षों में प्रस्तावित कुम्भ मेला को देखते हुए तीर्थ स्थल हरिद्वार में जहां प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में तीर्थ यात्रीयो  का आगमन होता है इसलिए इन यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रशासन एवं शासन द्वारा  कोई मुलभुत सुविधाओं का साधन उपलब्ध नहीं करा रखा है  प्याऊ, शौचालय एवं मूत्रालय की वास्तविक स्थिति को हमने जानने का प्रयास किया।Body:vo -1 देवभूमि हरिद्वार में यात्रियों के आने का प्रमुख साधन सामान्य रूप से ट्रेन और बस होता हैं परन्तु यात्रियों के इन्हीं प्रमुख गंतव्य एवम् आगमन के स्थान हरिद्वार रेलवे स्टेशन के बग़ल और बस स्टैण्ड में यात्रियों के की लिए बने सार्वजनिक प्याऊ एवं मूत्रालय की स्थिति अत्यंत दयनीय नजर आई, अधिकांश प्याऊ में टुटीयो  नदारद थी और जिनमें टोटिया थी उनमें से पानी नदारद दिखा ,लोगों ने वार्ता में बताया कि पानी कभी कभी ही आता है और यदि आता भी है तो यह जरूरी नहीं कि पानी साफ हो स्थानीय लोगों ने इस बात पर भी रोष जताया की रेलवे एवं बस स्टेशन के 200 मीटर के दायरे में इन जन सुविधाओं का हाल इस प्रकार बेहाल नहीं होना चाहिए।


VO -2 हरिद्वार में प्रसिद्ध हर की पैड़ी के आसपास के क्षेत्र एवं मार्केट में निकलने पर हमें यह  ज्ञात हुआ की प्राइवेट एजेंसियों को दिए गए शौचालय की स्थिति बेहतर नज़र आई परंतु बिना शुल्क के यात्रियों एवं स्थानीयओं के लिए बने मूत्रालय की स्थिति अत्यंत बत्तर एवं पीड़ादायक नजर आइ  और सफाई के अभाव में गंदगी से उत्पन दुर्गन्ध का आलम तो यू की स्थानीय व्यापारी और वहां से गुजरने वाले लोग तक परेशान नजर आये तथा  अधिकारियों के इसे सही कराने के आश्वासन की टालूनीति  से रुष्ट नजर आए, अपनी पीड़ा बताते हुए उन्होंने कहा की वर्षों से मिलते  आश्वासन की उम्मीद धूमिल होने पर उन्होंने स्वयं स्थानीय लोगो से चंदा के रूप में धन एकत्रित कर लोगों की सुविधाओं के लिए इसका निर्माण कराया था परंतु प्रशासन ने इसकी स्थिति और व्यवस्थित निर्माण और स्वच्छता के लिए सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं दिया।


VO-3 हरिद्वार के महापौर ने भी  बातों से सहमति जताई ,परंतु स्पष्टता से इस अव्यवस्था पर कुछ बोलने से हिचकती नजर आई और इस समस्या के जल्द से जल्द समाधान के आश्वासन की घुट्टी पिलाई। वहीं उन्होंने आगामी कुंभ के लिए 500 के लगभग नए शौचालय के प्रस्ताव भेजने की भी बात कही।


VO-4 मुख्य नगर आयुक्त से इस अव्यवस्था पर प्रश्न पूछने पर वो इस मुद्दे से कतराते से नजर आए और उन्होंने सिर्फ यही कहा की नगर निगम ने शौचालयों की जिम्मेदारी एजेंसियों एवं एनजीओ को दे रखी है और वह इन सुविधाओं के बदले शुल्क लेती है और चलाते हैं। और नगर निगम के कॉन्सेप्ट में उन्होंने शहर में साफ सफाई की जिम्मेदारी ही बताई। Conclusion:Byte- अंकित गुप्ता  (स्तानीय निवासी )
Byte- जितेंदर (स्तानीय निवासी )
Byte अनीता शर्मा (मेयर हरिद्वार )
Byte-उदय सिंह राणा (मुख्य नगर आयुक्त हरिद्वार )
Last Updated : Dec 5, 2019, 11:54 PM IST
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