हरिद्वार: लाइसेंसी हथियार का दिखावा करने वालों के खिलाफ आए दिन होने वाली पुलिसिया कार्रवाई के बावजूद अभी भी इन मामलों में कमी नहीं आ रही है. ताजा मामला हरिद्वार में सामने आया है. यहां भाजपा से जुड़े एक नेता ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हथियारों की पूरी नुमाइश की हुई है. भाजपा नेता की यह नुमाइश पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.
भाजपा नेता मोहित चौधरी ने अपने लाइसेंसी पिस्टल की फेसबुक पर नुमाइश की है. श्यामपुर क्षेत्र के गाजीवाली निवासी बताए जा रहे मोहित चौधरी की फेसबुक प्रोफाइल यह बताने के लिए काफी है. प्रोफाइल फोटो में भाजपा युवा नेता मोहित चौधरी के बगल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठे नजर आ रहे हैं. जब बगल में सीएम विराजमान हों तो फिर नियम और कानून की क्या बिसात. भाजपा नेता मोहित चौधरी ने अपनी चहेती पिस्टल की फोटो खींचकर उसका स्टेटस बना डाला. पिस्टल की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
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इस मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या भाजपा नेता को फेसबुक पर पिस्टल की फोटो डालने के लिए लाइसेंस जारी किया गया है? यदि जान की सुरक्षा का हवाला देते हुए लाइसेंस दिया गया है तो क्या फेसबुक पर प्रदर्शन करना जरूरी है? फिलहाल देखने वाली बात यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है. एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले की जानकारी ली जा रही है. मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
यह है गाइड लाइन
- कोई गैंगस्टर, अपराधी व व्यक्ति अपना फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर हथियार के साथ अपलोड करता है तो उसके खिलाफ 5/27 or 7/27आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
- सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट से आमजन में भय पैदा होता है या धमकी दी जाती है तो धारा 505 (1)(बी) आईपीसी के साथ 420 या अन्य संज्ञेय अपराध की धारा में कार्रवाई होगी.
- कोई भी व्यक्ति गैंगस्टर्स के नाम से फेसबुक पेज बनाता है या नकली पहचान से सोशल मीडिया साइट बनाता है तो उसके विरुद्ध धारा 66डी आइटी एक्ट में कार्रवाई की जाएगी.
- कोई व्यक्ति किसी गैंग का सदस्य बनता है या उसका डिजिटल डाटा स्टोर कर उसे दस्तावेजी एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल करें, साथ यह इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज उसके विरुद्ध एनएसए, राजापासा व अन्य निरोधात्मक कार्रवाई में मजबूत आधार होंगे.
- आपराधिक गैंग का सदस्य होने दावा का करने वाले व्यक्ति की तस्दीक कर थाने के संबंधित रिकॉर्ड बीवीएनबी भाग-एक एचएस पत्रावली, डोजियर, क्रिमिनल इंटेलिजेंस रिपोर्ट आदि में अंकित होगी, इस रिकॉर्ड के आधार पर भविष्य में कार्रवाई की जा सके.