हरिद्वार: इन दिनों गंगा बंदी के चलते हजारों लोग अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए गंगा से सोना-चांदी के साथ पैसे खोजने में जुटे हुए हैं. बता दें कि, गंगा में मिलने वाले सोना-चांदी पर सरकार का अधिकार नहीं होता है, बल्कि जिसको जो भी मिलता है वह उसी का होता है. हरकी पैड़ी सहित तमाम गंगा घाटों पर हजारों लोग अपने परिवार के साथ गंगा में सोना-चांदी खोज रहे हैं. जिससे वे सभी अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.
बता दें कि, कुंभ के कार्य होने के वजह से इस बार गंगा बंदी एक महीने के लिए की गई है.
बता दें, हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ के चलते इस बार दशहरे से 10 दिन पूर्व ही उत्तरी खंड गंगनहर बंद कर दी गई है. इस दौरान गंगनहर में 16 नए घाट व कई पुलों का निर्माण होना है, जिसके लिए उत्तराखंड शासन ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर गंगनहर बंदी की अवधि बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आखिरकार केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने नहर बंदी के लिए हस्तक्षेप किया. जिसके बाद 15 अकटूबर की आधी रात से 15 नवंबर की आधी रात तक मरम्मत और रखरखाव के काम के लिए गंगनहर बंद रहेगी.
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लोगों का कहना है कि, वे कई सालों से इस कार्य को कर रहे हैं. गंगा बंदी के बाद गंगा में सोना-चांदी ढूंढने के लिए आते हैं. गंगा से उनकी रोजी-रोटी चलती है और उन्हें पैसों के साथ गंगा से सोना चांदी भी मिल जाता है. जिससे उनके परिवार का गुजर बसर चलता है. इस वक्त हरिद्वार में कई हजार लोग गंगा बंदी के बाद गंगा में पैसे, सोना और चांदी ढूंढने का कार्य कर रहे हैं.