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हरिद्वार में जम्मू कश्मीर से आकर कर रहे 2021 कुंभ के कार्यों में सहयोग - हरिद्वार महाकुंभ मेला

जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड व बर्फ पड़ने के बाद ये लोग काम की तलाश में अन्य राज्यों को रुक करते हैं. कश्मीर से आये कुछ ऐसे ही मजदूर हरिद्वार में चल रहे कुभं कार्यों में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं.

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Published : Jan 10, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 6:27 PM IST

हरिद्वार: देश में चल रही सियासत के बीच सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी गतिविधियों में व्यस्त है. लेकिन बात अगर आम लोगों की करें तो उन लोगों को अपने पेट पालने के सिवा अन्य बातों से कोई मतलब नहीं होता. जम्मू-कश्मीर इस समय बर्फ की चादर ओढ़े हुए है. जिसके चलते वहां रहने वाले मजदूरों की जीवन शैली पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में जम्मू कश्मीर से आए ये मजदूर हरिद्वार में मजदूरी कर अपनी गुजर बसर कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर से आकर कर रहे 2021 कुंभ के कार्यों में सहयोग

हरिद्वार में आए इन मजूदरों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि 370 देश के लिए एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन वहां रहने वाले मजदूरों को 370 से कोई लेना देना नहीं है. उनका कहना है कि यह एक राजनीति मुद्दा है. बड़े-बड़े नेता अपनी राजनीति को चमकाने के लिए 370 या अन्य विषयों में चर्चा करते हैं. मजदूर को तो पेट पालने के लिए मजदूरी करनी होती है. कोई भी सरकार या कोई नेता उनको खाने के लिए नहीं देगा. इस समय जम्मू में पड़ रही बर्फ के चलते वहां काम मिलना मुश्किल हो गया है, जिसके कारण ये लोग काम की तलाश में हरिद्वार आ गए हैं.

पढ़ें- श्रम योगी मानधन योजना: साल में 12 लाख रजिस्ट्रेशन का था लक्ष्य, हुए सिर्फ 32 हजार

जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड व बर्फ पड़ने के बाद ये लोग काम की तलाश में अन्य राज्यों को रुक करते हैं. कश्मीर से आये कुछ ऐसे ही मजदूर हरिद्वार में चल रहे कुभं कार्यों में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं. इन कश्मीरी मजदूरों को कश्मीर की किसी भी उठापटक व आतंकवादी गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं है. इन्हें तो केवल दो टाइम की रोटी से मतलब है.

हरिद्वार: देश में चल रही सियासत के बीच सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी गतिविधियों में व्यस्त है. लेकिन बात अगर आम लोगों की करें तो उन लोगों को अपने पेट पालने के सिवा अन्य बातों से कोई मतलब नहीं होता. जम्मू-कश्मीर इस समय बर्फ की चादर ओढ़े हुए है. जिसके चलते वहां रहने वाले मजदूरों की जीवन शैली पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में जम्मू कश्मीर से आए ये मजदूर हरिद्वार में मजदूरी कर अपनी गुजर बसर कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर से आकर कर रहे 2021 कुंभ के कार्यों में सहयोग

हरिद्वार में आए इन मजूदरों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि 370 देश के लिए एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन वहां रहने वाले मजदूरों को 370 से कोई लेना देना नहीं है. उनका कहना है कि यह एक राजनीति मुद्दा है. बड़े-बड़े नेता अपनी राजनीति को चमकाने के लिए 370 या अन्य विषयों में चर्चा करते हैं. मजदूर को तो पेट पालने के लिए मजदूरी करनी होती है. कोई भी सरकार या कोई नेता उनको खाने के लिए नहीं देगा. इस समय जम्मू में पड़ रही बर्फ के चलते वहां काम मिलना मुश्किल हो गया है, जिसके कारण ये लोग काम की तलाश में हरिद्वार आ गए हैं.

पढ़ें- श्रम योगी मानधन योजना: साल में 12 लाख रजिस्ट्रेशन का था लक्ष्य, हुए सिर्फ 32 हजार

जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड व बर्फ पड़ने के बाद ये लोग काम की तलाश में अन्य राज्यों को रुक करते हैं. कश्मीर से आये कुछ ऐसे ही मजदूर हरिद्वार में चल रहे कुभं कार्यों में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं. इन कश्मीरी मजदूरों को कश्मीर की किसी भी उठापटक व आतंकवादी गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं है. इन्हें तो केवल दो टाइम की रोटी से मतलब है.

Intro:एंकर >> देश विदेश में चल रही राजनीतिक सियासतो के बीच सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी गतिविधियो में व्यस्त है । लेकिन बात अगर जमीन से जुड़े व्यक्तियों की की जाए तो उन लोगो को अपने पेट पालने के सिवा अन्य बातों से कोई मतलब नही होता । जनवरी का मौसम चल रहा है और जम्मू कश्मीर इस समय बर्फ की चादर ओढ़े हुए है । जिसके चलते वहाँ रहने वाले मजदूरों की जीवन शैली पर काफी असर पड़ा है । हरिद्वार में चल रहे कुम्भ के कार्यो में जम्मू कश्मीर से आये मुसलमान मजदूर हरिद्वार आ कर अपना गुजर बसर कर रहे है । जम्मू कश्मीर से आये यह मजदूर हरिद्वार में कुंभ के कार्यो को प्रगति देकर अपना पेट पाल रहे है । हालांकि 370 देश के लिए एक बड़ा मुद्दा है लेकिन , वहाँ रहने वाले मजदूरों को 370 से कोई लेना देना नही है । उनका कहना है कि , यह एक राजनीति मुद्दा है । बड़े बड़े नेता अपनी राजनीति को चमकाने के लिए 370 या अन्य विषयों में चर्चा करते है । मजदूर को अपनी मजदूरी करनी होती है अपना पेट पालना होता है , कोई भी सरकार या कोई नेता उनको खाने के लिए नही देगा । इस समय जम्मू में पड़ रही बर्फ के चलते वहां काम मिलना मुश्किल हो गया है जिसके कारण यह लोग अपना जीवन जीने के लिए हरिद्वार आ कर रह रहे है ।

Body:वीओ 1 > जम्मू कश्मीर में कड़ाके की ठण्ड व बर्फ बारी ने कश्मीरी लोगो को पेट पलने के लिए अन्य राज्यों की और पलायन करने पर मजबूर कर दिया है। कश्मीर से आये कुछ ऐसे ही मजदूर हरिद्वार में चल रहे कुभं कार्यो में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है। इन कश्मीरी मजदूरों को कश्मीर की किसी भी उठापटक व आतंकवादी गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं है। इन्हे तो केवल २ टाइम की रोटी से मतलब है। ये मजदूर गर्व के साथ अपने को भारतीय बताते हुए भारत में ही रहने की बात करते हुए सड़को की खुदाई में व्यस्त है।

Conclusion:बाइट:-मोहमद युसूफ (कश्मीरी मजदूर )
बाइट:-सरफराज अहमद (कश्मीरी मजदूर)
Last Updated : Jan 10, 2020, 6:27 PM IST
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