रुड़की: स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन कोरोना महामारी को लेकर पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है तो वहीं, रुड़की की सिविल अस्पताल मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं दे पा रहा है. अस्पताल में 24 से ज्यादा कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन केवल सात कर्मचारियों के बलबूते ही अस्पताल चल रहा है. ऐसे में अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
बता दें कि एक तरफ जहां कोरोना जैसी माहमारी के चलते मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं, अब डेंगू और वायरल की जांच के लिए भी लोगों की भारी भीड़ सिविल हॉस्पिटल में पहुंच रही है. लेकिन पर्याप्त संख्या में कर्मचारी ना होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. इतना ही नहीं गर्भवती महिलाओं के लिए भी अस्पताल में कोई सुविधा मौजूद नहीं है. जिसके चलते उनके तीमारदारों को ही सभी कार्य करने पड़ रहे हैं.
पढ़ें: कांग्रेस का सीएम त्रिवेंद्र पर निशाना, कहा- कोरोना से निपटने में विफल साबित हुई सरकार
वहीं, सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि उनके हॉस्पिटल में आज तक डाटा एंट्री का कोई पद नहीं है. 27 कर्मचारियों में से केवल सात कर्मचारी अस्पताल में मौजूद हैं. कई बार स्वास्थ्य विभाग और जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कुछ नहीं हुआ है. कर्मचारियों की भारी कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है. जल्द ही पुनः कर्मचारियों की स्थिति के बारे में हरिद्वार डीएम और संबंधित विभाग को सूचना दी जाएगी.