हरिद्वार: लोगों के हितों के लिए समाज सेवा का दावा करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव भी देश पर आए संकट को मुनाफा कमाने का मौका समझ रहे हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि पतंजलि के ग्राहक कह रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान पतंजलि ने अपने कई उत्पादों के दाम अचानक बढ़ा दिए हैं. लॉकडाउन में लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत आटा, दाल और चावल की होती है. ऐसे मौके पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने आटे के दामों में 10% से अधिक की वृद्धि की है. जबकि अन्य कंपनियां अपने पुराने दामों पर ही आटा बेच रही है. पतंजलि द्वारा आटे के दाम में बढ़ोतरी से दुकानदार और ग्राहक दोनों ही परेशान हैं.
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पतंजलि उत्पादों के ग्राहक इस वक्त योग गुरु बाबा रामदेव पर संकट के वक्त मुनाफाखोरी का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे आरोपों के बाद अब पतंजलि देश पर आए संकट के वक्त मुनाफाखोरी के आरोपों से घिर गई है. एक तरफ बाबा रामदेव दावा करते रहे हैं कि उनके उत्पाद अन्य बड़ी कंपनियों के मुकाबले सस्ते हैं. मगर लॉकडाउन के दौरान ही पतंजलि ने सबसे ज्यादा जरूरी आटे के दाम में करीब 10% की वृद्धि कर दी है.
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खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पतंजलि आटा प्रति 10 किलो 340 रुपए से बढ़कर 375 रुपए हो गया है. जबकि अन्य ब्रांड के आटे पुराने दाम 330 से 340 रुपए तक बिक रहे हैं. ऐसे में ग्राहक अब दूसरी कंपनियों के आटे खरीद रहे हैं. वहीं, पतंजलि के ग्राहकों ने आटे के रेट में वृद्धि को ऐसी परिस्थिति में गलत बताया है.
ग्राहकों का कहना है कि जब बाकी कंपनियां अपने पुराने दामों पर ही आटा बेच रही है, तो फिर पतंजलि ने रेट क्यों बढ़ा दिए हैं. पतंजलि के इस कदम से लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है. हरिद्वार के वरिष्ठ विपणन अधिकारी आरडी आर्य का कहना है कि गेहूं का समर्थन मूल्य अभी भी वही है, जो लॉकडाउन से पहले था. इसमें अभी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. ऐसे में दाम वृद्धि को लेकर कोई ठोस वजह दिखाई नहीं दे रही है.