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उत्तराखंड: नशे पर रोक लगाने के लिए हुआ मंथन, जल्द होगा टास्क फोर्स का गठन - Outbreak of intoxication among youth of Uttarakhand

उत्तराखंड में बढ़ते नशे की रोकथाम करने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायमूर्ति के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता एक बैठक का आयोजन किया गया.

नशे पर नकेल लगाने के लिए सेवा प्राधिकरण सभागार में बैठक का आयोजन.
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Published : Aug 30, 2019, 10:20 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड के युवाओं में नशे का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. जिस पर लगाम लगाने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायमूर्ति के निर्देशानुसार शुक्रवार को विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में नशे के खिलाफ राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में पैनल अधिवक्तागण, एनजीओ, पीएलवी और हरिद्वार में संचालित नशा मुक्ति केंद्र के प्रतिनिधियों ने की शिरकत की. नशे के खिलाफ इस अभियान में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है.

डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा, सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग.

सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा का ने बताया कि 28 सितंबर को माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा हरिद्वार में इस स्कीम का शुभारंभ भी किया जाएगा. इस स्कीम के तहत अलग से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है. साथ ही काउंसलिंग कमेटी का भी गठन किया है

ये भी पढ़े: त्रिवेंद्र सरकार ने खत्म किया सेमेस्टर सिस्टम, उच्च शिक्षा मंत्री बोले- 80 फीसदी छात्रों की ली गई राय

साथ ही बताया कि नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के लिए एक सर्वे किया गया था. जिसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों द्वारा नशा किए जाने के आंकड़े सामने आए हैं. नशे पर रोक लगाने के लिए इस योजना को तैयार किया जा रहा है. इस कार्य में नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से नशा कर ने वाले 25 प्रतिशत लोगों का इलाज मुफ्त किया जाएगा. सात ही योजना के अंतर्गत हर जिले के हेड क्वार्टर और तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. अभियान के तहत नशा करने वाले और नशा बेचने वाले दोनों ही तरह के लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

हरिद्वार: उत्तराखंड के युवाओं में नशे का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. जिस पर लगाम लगाने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायमूर्ति के निर्देशानुसार शुक्रवार को विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में नशे के खिलाफ राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में पैनल अधिवक्तागण, एनजीओ, पीएलवी और हरिद्वार में संचालित नशा मुक्ति केंद्र के प्रतिनिधियों ने की शिरकत की. नशे के खिलाफ इस अभियान में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है.

डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा, सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग.

सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा का ने बताया कि 28 सितंबर को माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा हरिद्वार में इस स्कीम का शुभारंभ भी किया जाएगा. इस स्कीम के तहत अलग से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है. साथ ही काउंसलिंग कमेटी का भी गठन किया है

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साथ ही बताया कि नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के लिए एक सर्वे किया गया था. जिसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों द्वारा नशा किए जाने के आंकड़े सामने आए हैं. नशे पर रोक लगाने के लिए इस योजना को तैयार किया जा रहा है. इस कार्य में नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से नशा कर ने वाले 25 प्रतिशत लोगों का इलाज मुफ्त किया जाएगा. सात ही योजना के अंतर्गत हर जिले के हेड क्वार्टर और तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. अभियान के तहत नशा करने वाले और नशा बेचने वाले दोनों ही तरह के लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

Intro:उत्तराखंड के युवाओं में बढ़ रहे नशे को लेकर और मुख्य न्यायमूर्ति उचच न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार आज नशे के खिलाफ हरिद्वार स्थित विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया यह बैठक 'संकल्प नशा मुक्त देवभूमि' अभियान हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता में की इस बैठक में पैनल अधिवक्तागण एनजीओ पीएलवी और हरिद्वार में संचालित नशा मुक्ति केंद्र के प्रतिनिधियों ने की शिरकत वही नशे के खिलाफ इस अभियान में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया हैBody:हरिद्वार पहुचे सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि आज हरिद्वार में पैनल आईएएस पीएलवी स्थानीय एनजीओ अधिवक्ता गणों के साथ संकल्प नशा मुक्ति उत्तराखंड के विषय में बैठक का आयोजन किया गया है 28 सितंबर को माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा हरिद्वार में इस स्कीम का शुभारंभ भी किया जाएगा इस स्कीम के तहत अलग से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है इसके अलावा आयोग ने काउंसलिंग कमेटी का भी गठन किया है

बाइट--डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा----सचिव----उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग

इनका यह भी कहना है कि नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के लिए एक सर्वे किया गया था जिसमें बात सामने आई है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग नशा करते हैं यह लोग नशे की तरफ दोबारा ना जाए उसके लिए योजना तैयार की जा रही है इस कार्य में नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से भी 25 प्रतिशत लोगों के केस में दान किया जाएगा इस योजना के अंतर्गत हर जिले के हेड क्वार्टर और तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है अभियान के तहत नशा करने वाले और नशा बेचने वाले दोनों ही तरह के लोगों को पकड़ा जाएगा

बाइट--डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा----सचिव----उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोगConclusion:उत्तराखंड में पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है और पूरे राज्य के हर जिले में देखा जा सकता है कि नशे के सौदागर द्वारा बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से अपनी दुकानें चलाई जा रही हैं उत्तराखंड के युवा लगातार नशे की जद में फंसते जा रहे हैं यही वजह है कि माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इसके लिए निर्देश देने पड़े हैं और एक नए अभियान की शुरुआत की गई है अब देखना होगा कि यह अभियान उत्तराखंड में नशे के खिलाफ कितना कारगर साबित होता है
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