रुड़की: पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को लेकर रुड़की आईआईटी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि पद्मश्री पर्यावरणविद डॉ. अनिल जोशी ने छात्रों को पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का असर अब गांवों में, गांव की जमीनों, प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही लोगों पर गहराता जा रहा है. दुनियाभर की सरकारें अब इस संकट के दबाव में हैं.
अनिल जोशी ने कहा कि राज्य बने हुए 20 साल हो गए हैं. लेकिन राज्य का अच्छे से विकास नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा की गांव की तस्वीर को खेती के जरिए ही बदला जा सकता है. वहीं डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से सारा विश्व संकटमय जीवन व्यतीत करने के लिए विवश है. हालांकि विकसित देशों ने अपनी जीवन शैली में धीरे-धीरे परिवर्तन लाना आरंभ कर दिया है. ऐसे में क्योटो प्रोटोकाल का पालन ईमानदारी से किया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें: पूर्व कैबिनेट मंत्री धनै ने सरकार पर लगाये आरोप, कहा- विकास के सभी दावे खोखले
उन्होंने कहा कि हर प्राणी वायु, जल और अन्न से जीवित रहता है. ये सब प्रकृति और पर्यावरण की शुद्धता पर निर्भर है. वर्तमान स्थिति में जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, उससे आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो सकता है.