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...तो इस तरह की रोड से कांवड़ लेकर जाएंगे शिव भक्त - कांवड़ मेला

जल्द ही कावंड़ यात्रा शुरू होने वाली है. इस यात्रा के शुरू होते ही धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ियों का सैलाब देखने को मिलेगा. लेकिन कांवड़ियों के लिए नार्थन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर कांवड़ पटरी मार्ग अबतक दुरुस्त नहीं हो पाई है.

कांवड़ यात्रा
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Published : Jun 24, 2019, 11:33 PM IST

रुड़की: कांवड़ मेला शुरू होने में कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं. लेकिन कांवड़ पटरी की हालत अभी भी कई जगह खस्ताहाल बनी हुई है. 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी की मरम्मत ना होने से आने वाले कांवड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

रुड़की एएसडीएम रविंद्र सिंह

आपको बता दें हर साल कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में शिवभक्त पैदल हरिद्वार से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं. प्रशासन द्वारा कांवड़ मार्ग पर लाखों का बजट खर्च किया जाता है, लेकिन अंत में सिर्फ खानापूर्ति ही दिखती है.

पढ़ें- SPEED से प्यार और HELMET-SEAT BELT से इनकार वालों पर नजर रखेगा 'त्रिनेत्र'

दरअसल, नार्थन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी है. यह मार्ग उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से सटा है. लेकिन इस कांवड़ मार्ग के दुरुस्त ना होने से कांवड़ियों को हर बार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अब देखना होगा कि समय रहते हुए कांवड़ पटरी का काम पूरा किया जाता है या फिर अंतिम समय में आनन-फानन में पटरी पर मिट्टी डाल दी जाती है. जो बारिश के समय भक्तों के लिए परेशानी खड़ी कर देता है.

वहीं मामले में एएसडीएम रविंद्र सिंह का कहना है कि इस बार गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाए. जिससे कांवड़ियों के यात्रा को आसान और मंगलमय बनाया जा सके.

रुड़की: कांवड़ मेला शुरू होने में कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं. लेकिन कांवड़ पटरी की हालत अभी भी कई जगह खस्ताहाल बनी हुई है. 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी की मरम्मत ना होने से आने वाले कांवड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

रुड़की एएसडीएम रविंद्र सिंह

आपको बता दें हर साल कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में शिवभक्त पैदल हरिद्वार से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं. प्रशासन द्वारा कांवड़ मार्ग पर लाखों का बजट खर्च किया जाता है, लेकिन अंत में सिर्फ खानापूर्ति ही दिखती है.

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दरअसल, नार्थन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी है. यह मार्ग उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से सटा है. लेकिन इस कांवड़ मार्ग के दुरुस्त ना होने से कांवड़ियों को हर बार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अब देखना होगा कि समय रहते हुए कांवड़ पटरी का काम पूरा किया जाता है या फिर अंतिम समय में आनन-फानन में पटरी पर मिट्टी डाल दी जाती है. जो बारिश के समय भक्तों के लिए परेशानी खड़ी कर देता है.

वहीं मामले में एएसडीएम रविंद्र सिंह का कहना है कि इस बार गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाए. जिससे कांवड़ियों के यात्रा को आसान और मंगलमय बनाया जा सके.

Intro:
नोट- विसुअल मेल पर है बाइट मोजो से भेजी जा रहा है

summary

सावन माह कांवड़ मेला शुरू होने में कुछ दिन बाकी रह गए हैं लेकिन कावड़ पत्ती की हालत अभी भी कई जगह खस्ताहाल होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है नारसन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी यूपी और उत्तराखंड के पास है लेकिन कांवड़ मार्ग को दुरुस्त मरम्मत नहीं होने से आने वाले कांवड़ मेले में कांवड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है


Body:वीओ- गौरतलब है सावन माह में आने वाले कावड़ मेला हरिद्वार प्रशासन की कार्यशैली और उसकी व्यवस्थाओं की हर बार पोल खोल देता है मगर शासन-प्रशासन है की पिछली बार की कमियों को या गलतियों को नजरअंदाज कर देता है और समय रहते कांवड़ पटरी पर कावड़ियों के लिए सुविधाजनक सड़क नहीं तैयार कर पाता जिसमें जगह-जगह गड्ढे होने के कारण कांवड़ियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है कई बार यह छोटे छोटे गड्ढे बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाते हैं और कई कावड़िए पूर्व में भी चोटिल हुए हैं नाथन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर की कावड़ पटरी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पास है लेकिन कावड़ मार्गी दुरुस्त नहीं होने से आने वाले समय में कांवरियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है आपको बता दें हर साल कावड़ यात्रा में लाखों की संख्या में शिवभक्त पैदल हरिद्वार से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर कांवड़ मार्ग पर चलते हैं प्रशासन द्वारा कांवड़ मार्ग पर लाखों का बजट खर्च किया जाता है लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर मरम्मत कर दी जाती है और ठेकेदार बजट को ठिकाने लगाने में जुटे रहते हैं वही अब देखना होगा कि समय रहते हुए कांवड़ पटरी मार का काम पूरा किया जाता है या फिर अंतिम समय में आनन-फानन में पटरी पर मिट्टी बढ़ाओ कर दिया जाता है जो कि बारिश के समय प्रशासन की पोल खोल देता है वही मामले में एसडीएम रविंद्र सिंह का कहना है कि इस बार जो भी ठेकेदार गड़बड़ी करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी वहीं का वर्क चल रहा है और समय रहते सभी कार्यों को पूरा कर कावड़ियों के यात्रा को आसान और मंगलमय बनाने के लिए प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा है

बाइट-रविन्द्र सिंह -एएसडीएम रुड़की


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