हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि संत प्रक्रिया हम केवल और केवल महामंडलेश्वर के लिए शिक्षा अनिवार्य करने जा रहे हैं, अन्य संतों के लिए नहीं. इसके साथ ही उन्होंने मां कामाख्या मंदिर की साधिका साध्वी संजनानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा की. 25 अगस्त को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में पूरे विधि विधान और पूजा अर्चना कर साधिका साध्वी संजनानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाया जाएगा.
महंत रविंद्र पुरी ने नई संत प्रक्रिया पर कहा हम केवल और केवल महामंडलेश्वर के लिए शिक्षा अनिवार्य करने जा रहे हैं. अन्य संतों के लिए नहीं. क्योंकि महामंडलेश्वरओं का काम ही धर्म का प्रचार प्रसार करना होता है. इसलिए महामंडलेश्वर को धर्म की जानकारी अवश्य होनी चाहिए, जिसके लिए शिक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है.
वहीं, अखाड़े द्वारा गुरुकुल निर्माण पर उन्होंने कहा यहां गुरुकुल निर्माण नहीं कराएगा जाएगा, अगर आचार्य महामंडलेश्वर ने इस तरह का बयान दिया है तो वह अपने ही किसी स्थान पर शायद गुरुकुल बनाएंगे. अखाड़े का अभी हाल फिलहाल में कोई गुरुकुल बनवाने का मन नहीं है. अखाड़े के मौजूदा दौर में कई विद्यालय और शिक्षण संस्थान चल रहे हैं. इसीलिए मुझे लगता है कि गुरुकुल की कोई आवश्यकता भी नहीं है.
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रविंद्र पुरी ने कहा साधिका साध्वी संजनानंद गिरि से लगभग 4 वर्ष पूर्व कामाख्या मंदिर में भेंट वार्ता हुई थी. उस दौरान माताजी ने अपनी इच्छा निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनने की प्रकट की और आज गुवाहाटी से चलकर हरिद्वार पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी पहुंची हैं. साधिका साध्वी संजनानंद गिरि मां कामाख्या की साधक है. श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा 25 अगस्त 2022 को हरिद्वार अखाड़े में पंच परमेश्वर और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर के समक्ष विधि विधान और परंपराओं से साध्वी संजनानंद गिरि को अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जाएगा.
इस अवसर पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा. साध्वी संजनानंद गिरि ने कहा कि एमए की शिक्षा ग्रहण करने के बाद मैं मां कामाख्या की साधना करते हुए लोक कल्याण की भावना से अपना संपूर्ण जीवन अखाड़े को समर्पित करना चाहती हूं. अखाड़े की परंपराओं में रहकर देश और समाज का कल्याण किया जा सकता है.