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नारसन इंटर कॉलेज के प्रिसिंपल पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध, विभाग ने किया निलंबित

आरोपी प्रधानाचार्य महावीर सिंह के खिलाफ शिक्षा विभाग चार्जशीट दाखिल करने जा रहा है.

Narsan Inter College
राजा महेंद्र प्रताप इंटर कॉलेज नारसन
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Published : Oct 28, 2020, 5:38 PM IST

लक्सर: राजा महेंद्र प्रताप इंटर कॉलेज नारसन के प्रभारी प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप जांच में सही पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. विद्यालय के संचालक और मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. महावीर सिंह पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप थे. वहीं प्रधानाचार्य का पदभार वरिष्ठ प्रवक्ता संजीव कुमार को दिया गया है.

बता दें कि प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर वित्तीय अनियमितताओं समेत कुल नौ आरोप लगे थे. महावीर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बालिका प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत साइकिल वितरण में अनियमितताएं बरती हैं. इसके अलावा विद्यालय में छात्रों से पीटीए शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की गई, पीटीए शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर भी मानदेय का भुगतान करना, वित्तीय अभिलेख पूर्ण न रखना, कम्प्यूटर प्रयोगशाला में मूल स्टॉक रजिस्टर में अंकन न किया जाना और मुख्य शिक्षा अधिकारी से हस्ताक्षर प्रमाणित कराए बिना बैंक खातों से धनराशि निकालना का गंभीर आरोप महावीर सिंह पर लगा था.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज दीपाली शर्मा की सेवा समाप्त, नाबालिग के उत्पीड़न का आरोप

नए प्रधानाचार्य संजीव कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर वित्तीय अनियमितता के कई आरोप लगे थे, जो जांच में सिद्ध हो गए है इसलिए शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है, लेकिन वो अधिकारियों से साठगांठ कर दोबारा से बहाली की कोशिश कर रहे हैं.

उधर, इस मामले में उप खंड शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौड़ अलग ही बयान दे रहे हैं. उनका कहना है कि पहले प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर कुछ आरोप लगाए गए थे. आरोपों पर पूर्व प्रबंधक ने तीन बार जांच कराई थी. तीनों जांच में वे निर्दोष साबित हुए.

जब इस बारे में मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार आनंद भारद्वाज ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानाचार्य महावीर सिंह की बहाली के जो आदेश उप खंड शिक्षा अधिकारी ने दिए थे उसे उन्होंने निरस्त कर दिया है. फिलहाल चार्ज संजीव कुमार को दिया गया है. महावीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी. यदि वे उसमें वे निर्दोष पाए जाते हैं तो उन्हें बहाल कर दिया जाएगा, अगर दोषी पाए गये तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लक्सर: राजा महेंद्र प्रताप इंटर कॉलेज नारसन के प्रभारी प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप जांच में सही पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. विद्यालय के संचालक और मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. महावीर सिंह पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप थे. वहीं प्रधानाचार्य का पदभार वरिष्ठ प्रवक्ता संजीव कुमार को दिया गया है.

बता दें कि प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर वित्तीय अनियमितताओं समेत कुल नौ आरोप लगे थे. महावीर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बालिका प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत साइकिल वितरण में अनियमितताएं बरती हैं. इसके अलावा विद्यालय में छात्रों से पीटीए शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की गई, पीटीए शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर भी मानदेय का भुगतान करना, वित्तीय अभिलेख पूर्ण न रखना, कम्प्यूटर प्रयोगशाला में मूल स्टॉक रजिस्टर में अंकन न किया जाना और मुख्य शिक्षा अधिकारी से हस्ताक्षर प्रमाणित कराए बिना बैंक खातों से धनराशि निकालना का गंभीर आरोप महावीर सिंह पर लगा था.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज दीपाली शर्मा की सेवा समाप्त, नाबालिग के उत्पीड़न का आरोप

नए प्रधानाचार्य संजीव कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर वित्तीय अनियमितता के कई आरोप लगे थे, जो जांच में सिद्ध हो गए है इसलिए शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है, लेकिन वो अधिकारियों से साठगांठ कर दोबारा से बहाली की कोशिश कर रहे हैं.

उधर, इस मामले में उप खंड शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौड़ अलग ही बयान दे रहे हैं. उनका कहना है कि पहले प्रधानाचार्य महावीर सिंह पर कुछ आरोप लगाए गए थे. आरोपों पर पूर्व प्रबंधक ने तीन बार जांच कराई थी. तीनों जांच में वे निर्दोष साबित हुए.

जब इस बारे में मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार आनंद भारद्वाज ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानाचार्य महावीर सिंह की बहाली के जो आदेश उप खंड शिक्षा अधिकारी ने दिए थे उसे उन्होंने निरस्त कर दिया है. फिलहाल चार्ज संजीव कुमार को दिया गया है. महावीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी. यदि वे उसमें वे निर्दोष पाए जाते हैं तो उन्हें बहाल कर दिया जाएगा, अगर दोषी पाए गये तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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