हरिद्वार: महाकुंभ की विधिवत शुरुआत हो गई है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने एक बार फिर संन्यासी अखाड़ों के लिए कुंभ क्षेत्र में जमीन आवंटित किए जाने की मांग दोहराई है. इस बार उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ अधिकारी शुरू से ही महाकुंभ का स्वरूप बनाने के पक्ष में नहीं हैं.
महाकुंभ के पहले दिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि महाकुंभ का जैसा स्वरूप होना चाहिए था, वैसा नहीं दिखाई दे रहा है. सरकार को चाहिए था कि मेले को भव्य रूप दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि सरकार की ओर से कहा गया है कि इस बार महाकुंभ में महामंडलेश्वर नगर नहीं बसाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें सरकार को नहीं करनी चाहिए. संन्यासियों के अखाड़ों को जल्द से जल्द जमीन आवंटित की जाए. ताकि अगले 12 साल बाद जो महाकुंभ पड़े उसमें यह शिकायत न रहे कि पूर्व में संन्यासियों को जमीन आवंटित नहीं की गई थी.
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उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कुछ अधिकारी महाकुंभ में ऐसे लगे हुए हैं कि जो मेले का स्वरूप नहीं बनने देना चाहते. उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे अधिकारियों की मानसिकता को बदलते हुए महाकुंभ के मेले को भव्य स्वरूप दिया जाए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त धन भी आया है, जोकि महाकुंभ कार्यों में ही खर्च किया जाना चाहिए. उन्होंने मेला अधिकारी को 2 दिन का समय देते हुए कहा है कि वह जल्द से जल्द संन्यासी अखाड़ों को जमीन आवंटन का कार्य पूर्ण करें.