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हरिद्वार में नौनिहाल बना रहे हल्दी और आटे के गणपति, नई उड़ान फाउंडेशन ने शुरू की मुहिम

नई उड़ान फाउंडेशन हरिद्वार में बच्चों को हल्दी और आटे से गणपति बनाना सिखा रहा है. स्कूल के दूसरी क्लास से लेकर पांचवीं क्लास तक के बच्चों को इस मुहिम में शामिल किया गया है.

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Published : Sep 2, 2022, 4:27 PM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में बाबा गणपति की जय जयकार हर तरफ गूंज रही है. बड़े-बड़े पंडालों में बाबा गणपति बैठे हुए हैं. नई उड़ान फाउंडेशन गणपति के इस उत्सव में छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को भी जोड़ने का काम कर रहा है. हरिद्वार के नई उड़ान फाउंडेशन (Nai Udaan Foundation) ने कनखल स्थित एक सरकारी स्कूल में बच्चों की प्रतिभा और कला को गणपति महोत्सव से जोड़कर आटे के भगवान गणपति बनाने की मुहिम शुरू की है.

स्कूल के दूसरी क्लास से लेकर पांचवीं क्लास तक के बच्चों को इस मुहिम में शामिल किया गया है. फाउंडेशन हर साल गणपति महोत्सव के दौरान अलग-अलग स्कूलों में जाकर इस तरह की मुहिम आयोजित करता है. नई उड़ान फाउंडेशन की इस मुहिम में स्कूल का हर बच्चा बेहद उत्साहित नजर आ रहा है.
ये भी पढ़ेंः जापान में भगवान गणेश के स्वरूप कांगितेन की पूजा

नई उड़ान फाउंडेशन की अध्यक्ष विनीता गुनियाल कहती हैं कि हम यह चाहते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ बच्चे कला में भी परिपूर्ण हों. कनखल भगवान शिव का ससुराल है. ऐसे में भगवान गणपति का ननिहाल होने की वजह से इस प्रोजेक्ट को किया गया है, ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ धर्म की बारीकी को भी जान सकें.

संस्था की युवा सदस्य इशिता अरोरा ने बच्चों को गणपति बनाना सिखाया है. यह गणपति पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं. आटा और हल्दी का इन गणपति को बनाने में प्रयोग किया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भी माता पार्वती ने गणपति जी की प्रतिमा को हल्दी से बनाया था.

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में बाबा गणपति की जय जयकार हर तरफ गूंज रही है. बड़े-बड़े पंडालों में बाबा गणपति बैठे हुए हैं. नई उड़ान फाउंडेशन गणपति के इस उत्सव में छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को भी जोड़ने का काम कर रहा है. हरिद्वार के नई उड़ान फाउंडेशन (Nai Udaan Foundation) ने कनखल स्थित एक सरकारी स्कूल में बच्चों की प्रतिभा और कला को गणपति महोत्सव से जोड़कर आटे के भगवान गणपति बनाने की मुहिम शुरू की है.

स्कूल के दूसरी क्लास से लेकर पांचवीं क्लास तक के बच्चों को इस मुहिम में शामिल किया गया है. फाउंडेशन हर साल गणपति महोत्सव के दौरान अलग-अलग स्कूलों में जाकर इस तरह की मुहिम आयोजित करता है. नई उड़ान फाउंडेशन की इस मुहिम में स्कूल का हर बच्चा बेहद उत्साहित नजर आ रहा है.
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नई उड़ान फाउंडेशन की अध्यक्ष विनीता गुनियाल कहती हैं कि हम यह चाहते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ बच्चे कला में भी परिपूर्ण हों. कनखल भगवान शिव का ससुराल है. ऐसे में भगवान गणपति का ननिहाल होने की वजह से इस प्रोजेक्ट को किया गया है, ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ धर्म की बारीकी को भी जान सकें.

संस्था की युवा सदस्य इशिता अरोरा ने बच्चों को गणपति बनाना सिखाया है. यह गणपति पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं. आटा और हल्दी का इन गणपति को बनाने में प्रयोग किया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भी माता पार्वती ने गणपति जी की प्रतिमा को हल्दी से बनाया था.

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