ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में नगर निगम ने रेहड़ी, पटरी और फेरी वालों के लिए नीति बनाने का फैसला किया है. इसके लिए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में 17 सदस्य नगरीय फेरी समिति का भी गठन हुआ है. ऐसे में रेहड़ी, पटरी और फेरी लगाने वालों में काफी खुशी है.
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बता दें कि तीर्थनगरी ऋषिकेश में रेहड़ी, पटरी, फेरी और ठेला लगाने ने नगर निगम के खिलाफ बीते दिनों से मोर्चा खोल रखा था. ऐसे में ये लोग अधिकारियों शोषण का आरोप लगा रहे थे. जिसके खिलाफ इन्होंने नगर निगम में प्रदर्शन भी किया था. इस विरोध को देखते हुए अब नगर निगम अब लाइसेंस देने के बाद इन्हें बिजली और पानी जैसी सुविधाएं भी मुहैया करने जा रहा है.
गौरतलब है कि आजीविका सुरक्षा एवं फेरी व्यवसाय विनियमन नियमावली 2016 के अधीन खंड 12 के उपखंड दो के अंतर्गत नियमानुसार टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया गया. जिसमें नगर आयुक्त की अध्यक्षता में 17 सदस्य कमेटी बनाई गई. जिसमें ठेली खोंमचा को निर्धारित स्थान दिया जायेगा और बिजली और पानी की उचित व्यवस्था मुहैया होगी . वहीं, नगर निगम कानूनी प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए ठेली व्यापारियों को लाइसेंस प्रदान किया जायेगा. जिससे शहर में अतिक्रमण व ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगा.
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इस मामले में ऋषिकेश के मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान का कहना है कि राष्ट्रीय फेरी नीति के तहत छोटे लघु व्यापारियों के वेंडर जोन घोषित किया जाएगा. जहां पर रेहड़ी या ठेला लगाने वाले व्यक्ति के एक परिवार को एक ही लाइसेंस मिलेगा. जिसके बाद एक व्यक्ति को एक ही स्थान मिलेगा. हालांकि, अभी इसको लेकर किराया निर्धारित नही हुआ है. अगली बैठक में किराया निर्धारित किया जाएगा.