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कुंभ में 11000 रुद्राक्षधारी बाबा बने चर्चा का विषय, लोक कल्याण के लिए कर रहे तप

महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा के नागा संन्यासी अजय गिरी 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर तप कर रहे हैं. अजय गिरी रुद्राक्ष की माला साल 2004 से धारण कर रहे हैं.

rudraksh baba ajay giri
अजय गिरी
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Published : Mar 25, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 4:17 PM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार इनदिनों कुंभ के रंग में रंगा हुआ है. महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए देशभर से विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत पहुंच रहे हैं. इन्हीं में से एक बाबा ऐसे भी हैं, जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. साथ ही खूब सुर्खियों में हैं. जी हां, यहां एक रुद्राक्ष बाबा भी पहुंचे हैं. जो लोक कल्याण के लिए 11 हजार रुद्राक्ष पहन तप कर रहे हैं.

11000 रुद्राक्षधारी बाबा बने चर्चा का विषय.

दरअसल, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के एक नागा संन्यासी अजय गिरी डामकोठी के समीप गंगा किनारे तपस्या कर रहे हैं. जिन्होंने 11 हजार रुद्राक्ष धारण किया है. जो लोक कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए तप में जुटे हैं. उनका कहना है कि जिस स्थान पर भी कुंभ होता है, वो वहां पहुंचकर गंगा किनारे 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर तप करते हैं. मार्च के बाद पूरे अप्रैल तक उनका तप निरंतर चलता रहेगा.

rudraksh baba ajay giri
नागा संन्यासी अजय गिरी.

ये भी पढ़ेंः आकर्षण का केंद्र बने खड़ेश्वरी महाराज, 25 सालों से हैं खड़े, बात भी नहीं करते

नागा संन्यासी अजय गिरी का कहना है शिव पुराण में लिखा है, जो संन्यासी 11000 रुद्राक्ष की माला धारण करता है, वो भगवान शिव के रुद्र स्वरूप हो जाता है. नागाओं का वस्त्र रुद्राक्ष की माला और भस्म होता है. जिसे नागा संन्यासी धारण करते हैं. यह रुद्राक्ष की माला अजय गिरी जी साल 2004 से धारण कर रहे हैं. हालांकि, यह तप वह समाज कल्याण के लिए कर रहे हैं.

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार इनदिनों कुंभ के रंग में रंगा हुआ है. महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए देशभर से विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत पहुंच रहे हैं. इन्हीं में से एक बाबा ऐसे भी हैं, जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. साथ ही खूब सुर्खियों में हैं. जी हां, यहां एक रुद्राक्ष बाबा भी पहुंचे हैं. जो लोक कल्याण के लिए 11 हजार रुद्राक्ष पहन तप कर रहे हैं.

11000 रुद्राक्षधारी बाबा बने चर्चा का विषय.

दरअसल, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के एक नागा संन्यासी अजय गिरी डामकोठी के समीप गंगा किनारे तपस्या कर रहे हैं. जिन्होंने 11 हजार रुद्राक्ष धारण किया है. जो लोक कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए तप में जुटे हैं. उनका कहना है कि जिस स्थान पर भी कुंभ होता है, वो वहां पहुंचकर गंगा किनारे 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर तप करते हैं. मार्च के बाद पूरे अप्रैल तक उनका तप निरंतर चलता रहेगा.

rudraksh baba ajay giri
नागा संन्यासी अजय गिरी.

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नागा संन्यासी अजय गिरी का कहना है शिव पुराण में लिखा है, जो संन्यासी 11000 रुद्राक्ष की माला धारण करता है, वो भगवान शिव के रुद्र स्वरूप हो जाता है. नागाओं का वस्त्र रुद्राक्ष की माला और भस्म होता है. जिसे नागा संन्यासी धारण करते हैं. यह रुद्राक्ष की माला अजय गिरी जी साल 2004 से धारण कर रहे हैं. हालांकि, यह तप वह समाज कल्याण के लिए कर रहे हैं.

Last Updated : Mar 25, 2021, 4:17 PM IST
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