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हरिद्वार:परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों ओर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

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Published : Jun 6, 2021, 1:40 PM IST

बोर्ड परीक्षा रद्द होने पर छात्रों और अभिभावकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ छात्रों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

परीक्षा रद्द होने पर छात्रों की प्रतिक्रिया
परीक्षा रद्द होने पर छात्रों की प्रतिक्रिया

हरिद्वार: कोरोनाकाल में हाईस्कूल के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. परीक्षा के रद्द होने से कुछ छात्रों में तो खुशी है, लेकिन कुछ छात्र अपने नंबर को लेकर थोड़े परेशान भी नजर आ रहे हैं. जिन छात्रों ने परीक्षा में अव्वल आने के लिए कोविड काल में भी खूब तैयारी की थी, उन्हें इस फैसले से थोड़ा झटका लगा है. कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि स्कूल नहीं खुलने से उनकी तैयारी पूरी नहीं हो पाई थी और सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है.

छात्रों ओर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया.

पढ़ें: हरिद्वार में जल्द शुरू होगा मेडिकल कॉलेज का निर्माण, शुरू हुई श्रेय लेने की राजनीति

ऐसे ही एक इंटरमीडिएट छात्र लक्ष्य का मानना है कि सरकार ने इस फैसले में थोड़ी देरी कर दी. यदि 2 महीने पहले फैसला ले लिया जाता तो छात्रों के लिए और भी बेहतर होता. उनका मानना है कि अब परिणाम जल्दी घोषित कर दिए जाएं, जिससे आगे की पढ़ाई में कोई विलंब न हो. वहीं छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि केंद्र सरकार का यह फैसला बहुत अच्छा है.

हालांकि उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इस फैसले से पढ़ने वालें बच्चों को परेशानी हुई है. उनका मानना है कि जिन बच्चों ने परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं की उनके लिए यह एक अच्छा निर्णय है.

हरिद्वार: कोरोनाकाल में हाईस्कूल के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. परीक्षा के रद्द होने से कुछ छात्रों में तो खुशी है, लेकिन कुछ छात्र अपने नंबर को लेकर थोड़े परेशान भी नजर आ रहे हैं. जिन छात्रों ने परीक्षा में अव्वल आने के लिए कोविड काल में भी खूब तैयारी की थी, उन्हें इस फैसले से थोड़ा झटका लगा है. कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि स्कूल नहीं खुलने से उनकी तैयारी पूरी नहीं हो पाई थी और सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है.

छात्रों ओर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया.

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ऐसे ही एक इंटरमीडिएट छात्र लक्ष्य का मानना है कि सरकार ने इस फैसले में थोड़ी देरी कर दी. यदि 2 महीने पहले फैसला ले लिया जाता तो छात्रों के लिए और भी बेहतर होता. उनका मानना है कि अब परिणाम जल्दी घोषित कर दिए जाएं, जिससे आगे की पढ़ाई में कोई विलंब न हो. वहीं छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि केंद्र सरकार का यह फैसला बहुत अच्छा है.

हालांकि उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इस फैसले से पढ़ने वालें बच्चों को परेशानी हुई है. उनका मानना है कि जिन बच्चों ने परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं की उनके लिए यह एक अच्छा निर्णय है.

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