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बीजेपी सांसद भट्ट ने देवस्थानम बोर्ड पर की पुनर्विचार की वकालत तो मंत्री अरविंद पांडेय ने दिया ये जवाब

बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देवस्थानम बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है.

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय
कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय
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Published : Jul 12, 2020, 10:48 PM IST

हरिद्वार: चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी नेता सुब्रह्मयण स्वामी के बाद अब उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बोर्ड के गठन पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी सरकार को बोर्ड पर पुनर्विचार करने की नसीहत दी है. अजय भट्ट के इस बयान पर रविवार को उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय की भी प्रतिक्रिया आई है.

दरअसल, रविवार को मंत्री पांडेय हरेला के एक कार्यक्रम में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे थे, जहां पत्रकारों ने उनसे अजय भट्ट के उस बयान पर सवाल किया था, जिसमें भट्ट ने सरकार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की नसीहत दी थी. इस सवाल के जवाब में मंत्री पांडेय ने कहा कि अजय भट्ट उनके वरिष्ठ हैं. भट्ट ने क्या कहा है ये उन्होंने नहीं सुना है. जब कोई बात चल पड़े तो डिसीजन लेने वाले लोग अच्छा सोचेंगे. सरकार उनसे कोई सुझाव मांगेगी तो वह अपना सुझाव जरूर देंगे. फिलहाल इस पर वह ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे.

पढ़ें- हरदा का तंजः बैलगाड़ी पर चंद कदम चले तो मुकदमा, बीजेपी ने उड़ाई धज्जियां तो जिक्र भी नहीं

बता दें कि बीजेपी सांसद भट्ट ने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर लगातार विरोध हो रहा है, ऐसे में सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. जब सारी शंकाएं दूर हो जाएं, तब कोई फैसला लिया जाए ताकि विपक्ष को मुद्दा बनाने का मौका न मिले. अजय भट्ट ने देवस्थानम बोर्ड को कुछ दिन के लिए स्थगित करने की भी वकालत की है. हालांकि उन्होंने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड के पीछे सरकार की मंशा चारधाम यात्रा की बेहतरी है.

हाई कोर्ट में है देवस्थानम बोर्ड का मामला

गौरतलब हो कि बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देवस्थानम बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. स्वामी की ओर से कहा गया है कि बोर्ड के जरिए सरकार द्वारा चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है. इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है.

हरिद्वार: चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी नेता सुब्रह्मयण स्वामी के बाद अब उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बोर्ड के गठन पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी सरकार को बोर्ड पर पुनर्विचार करने की नसीहत दी है. अजय भट्ट के इस बयान पर रविवार को उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय की भी प्रतिक्रिया आई है.

दरअसल, रविवार को मंत्री पांडेय हरेला के एक कार्यक्रम में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे थे, जहां पत्रकारों ने उनसे अजय भट्ट के उस बयान पर सवाल किया था, जिसमें भट्ट ने सरकार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की नसीहत दी थी. इस सवाल के जवाब में मंत्री पांडेय ने कहा कि अजय भट्ट उनके वरिष्ठ हैं. भट्ट ने क्या कहा है ये उन्होंने नहीं सुना है. जब कोई बात चल पड़े तो डिसीजन लेने वाले लोग अच्छा सोचेंगे. सरकार उनसे कोई सुझाव मांगेगी तो वह अपना सुझाव जरूर देंगे. फिलहाल इस पर वह ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे.

पढ़ें- हरदा का तंजः बैलगाड़ी पर चंद कदम चले तो मुकदमा, बीजेपी ने उड़ाई धज्जियां तो जिक्र भी नहीं

बता दें कि बीजेपी सांसद भट्ट ने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर लगातार विरोध हो रहा है, ऐसे में सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. जब सारी शंकाएं दूर हो जाएं, तब कोई फैसला लिया जाए ताकि विपक्ष को मुद्दा बनाने का मौका न मिले. अजय भट्ट ने देवस्थानम बोर्ड को कुछ दिन के लिए स्थगित करने की भी वकालत की है. हालांकि उन्होंने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड के पीछे सरकार की मंशा चारधाम यात्रा की बेहतरी है.

हाई कोर्ट में है देवस्थानम बोर्ड का मामला

गौरतलब हो कि बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देवस्थानम बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. स्वामी की ओर से कहा गया है कि बोर्ड के जरिए सरकार द्वारा चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है. इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है.

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