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रुड़की: भारतीय किसान यूनियन ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप, भेजा ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी व 6 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया.

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Published : Jun 30, 2020, 6:34 PM IST

roorkee
किसानों ने सौंपा ज्ञापन

रुड़की: भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी व 6 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब सरकार भरपूर खाद्यान्न की बात करती है तो खाद्यान्न पैदा करने वाले अन्नदाता की अनदेखी क्यों कर रही है? वहीं किसान यूनियन से सरकार से तत्काल पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की मांग की.

इस दौरान किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश है, लेकिन ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद भी किसानों को ऊर्जा का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. किसानों को खेती में सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए. उन्होंने सरकार को तत्काल चुनाव के दौरान किए गए अपने वादे पूरे करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि वे किसानों का पूर्ण कर्ज माफ करेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. जिससे किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है.

पढ़ें: सोमेश्वर के प्रो. पूरन चंद्र जोशी दिल्ली विवि में प्रति उप कुलपति नियुक्त

उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार भरपूर खाद्यान्न की बात करती है तो खाद्यान्न पैदा करने वाले अन्नदाता की अनदेखी क्यों कर रही है? सरकार को विदेशों की तर्ज पर सब्सिडी किसानों को उनके खातों में नगद देनी चाहिए. हाल ही में सरकार ने डीजल- पेट्रोल के दाम बढ़ाए हैं. जिसे सरकार ने तत्काल कम करने की दिशा में कदम उठाना चाहिरए. साथ ही किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने किसानों का रुका हुआ गन्ने का भुगतान ब्याज सहित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार 6 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

रुड़की: भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी व 6 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब सरकार भरपूर खाद्यान्न की बात करती है तो खाद्यान्न पैदा करने वाले अन्नदाता की अनदेखी क्यों कर रही है? वहीं किसान यूनियन से सरकार से तत्काल पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की मांग की.

इस दौरान किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश है, लेकिन ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद भी किसानों को ऊर्जा का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. किसानों को खेती में सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए. उन्होंने सरकार को तत्काल चुनाव के दौरान किए गए अपने वादे पूरे करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि वे किसानों का पूर्ण कर्ज माफ करेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. जिससे किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है.

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उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार भरपूर खाद्यान्न की बात करती है तो खाद्यान्न पैदा करने वाले अन्नदाता की अनदेखी क्यों कर रही है? सरकार को विदेशों की तर्ज पर सब्सिडी किसानों को उनके खातों में नगद देनी चाहिए. हाल ही में सरकार ने डीजल- पेट्रोल के दाम बढ़ाए हैं. जिसे सरकार ने तत्काल कम करने की दिशा में कदम उठाना चाहिरए. साथ ही किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने किसानों का रुका हुआ गन्ने का भुगतान ब्याज सहित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार 6 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

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