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कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बनेगा मोक्ष द्वार, मेला प्रशासन कर रहा तैयारी

आगामी कुंभ मेले को मेला प्रशासन दिव्य और भव्य बनाने के लिए लगातार बेहतर प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में मेला प्रशासन हरिद्वार में कई ऐसे द्वार बना रहा हैं जो काफी आलौकिक है.

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मोक्ष का द्वार
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Published : Dec 12, 2020, 4:57 PM IST

Updated : Dec 12, 2020, 6:45 PM IST

हरिद्वार: देश विदेश में विख्यात धर्मनगरी हरिद्वार को मोक्ष का द्वार कहा जाता है क्योंकि पहाड़ों से निकलकर मां गंगा का समतल स्थान भी हरिद्वार ही है. इसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. आगामी कुंभ मेले को धार्मिक दृष्टि से भव्य रूप देने में मेला प्रशासन जुटा हुआ है. मेला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में कई ऐसे द्वार बना रहा हैं जो काफी आलौकिक है. इन द्वारों को उत्तराखंड की संस्कृति से सजाया और संवारा जा रहा है.

कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बनेगा मोक्ष द्वार
प्राचीन समय में राजा महाराजा अपने नगर को सजाने के लिए बड़े-बड़े द्वारों का निर्माण कराया करते थे. मगर आज के युग में यह परंपरा विलुप्त होती जा रही है क्योंकि आज डिजिटल युग चल रहा है और लोग अपनी पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं. मगर, कुंभ मेला प्रशासन उन्हीं पुरानी सभ्यता के साथ कुंभ मेले को भव्य और सुंदर बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है. कुंभ मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में कई ऐसे द्वार बनाए जा रहे हैं जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को दिखाने का कार्य करेंगे. कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु भव्य और सुंदर द्वारों को देखकर आनंद की अनुभूति करेंगे.कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि हरकी पैड़ी, चौकी मेला भवन हाथी पुल और ललतारा पुल पर द्वार बनाए जा रहे हैं, साथ ही बस अड्डे पर भी भव्य द्वार बनाया जा रहा है. मेला अधिकारी का कहना है कि इन द्वारों के बनने से हरिद्वार की सुंदरता भी देखने लायक हो रही है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के साथ भी मिलकर कई टेंपरेरी वेलकम द्वार भी बनाए जाएंगे. इन द्वारों के माध्यम से गंगा कुंभ के साथ उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने का कार्य किया जाएगा.

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स्थानीय निवासी भी द्वार बनाने के कार्य को काफी सराहा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बहुत ही अच्छी पहल की गई है. द्वार के माध्यम से हरिद्वार और उत्तराखंड की संस्कृति दिखाई जा रही है. क्योंकि कुंभ का महापर्व हरिद्वार में लगने वाला है. कुंभ में जितने भी देश दुनिया से श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे उनको कुंभ की भव्यता का अनुभव होगा, क्योंकि इन द्वारों में जितने भी चित्र बनाए गए हैं, वह उनके ज्ञान को दर्शाते हैं.

इन द्वारों में भगवान के बहुत ही मनमोहक दृश्य हैं कोई भी श्रद्धालु हरिद्वार आएगा तो उनके मन को भा जाएंगे और उनका हरिद्वार में जाने का मन नहीं करेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके साथ ही कई और प्रकार की सजावट का कार्य भी मेला प्रशासन को करना चाहिए. इन द्वारों को देखकर हमें भी काफी अच्छा महसूस हो रहा है

ये भी पढ़ें : शादी समारोह में शामिल होने जा रही महिला की सड़क हादसे में मौत, बेटी घायल

गौरतलब है कि हरिद्वार में मां गंगा कलकल बहती है. हरिद्वार को चारों धामों का द्वार भी कहते हैं. हरिद्वार से ही चारों धामों की यात्रा भी शुरू होती है आने वाले कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को भव्य हरिद्वार के दर्शन हो इसी को लेकर मेला प्रशासन द्वारा इन द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है, इन द्वारों पर आलौकिक और भव्य चित्र बनाए जा रहे हैं जिसे देखकर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाएंगे.

हरिद्वार: देश विदेश में विख्यात धर्मनगरी हरिद्वार को मोक्ष का द्वार कहा जाता है क्योंकि पहाड़ों से निकलकर मां गंगा का समतल स्थान भी हरिद्वार ही है. इसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. आगामी कुंभ मेले को धार्मिक दृष्टि से भव्य रूप देने में मेला प्रशासन जुटा हुआ है. मेला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में कई ऐसे द्वार बना रहा हैं जो काफी आलौकिक है. इन द्वारों को उत्तराखंड की संस्कृति से सजाया और संवारा जा रहा है.

कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बनेगा मोक्ष द्वार
प्राचीन समय में राजा महाराजा अपने नगर को सजाने के लिए बड़े-बड़े द्वारों का निर्माण कराया करते थे. मगर आज के युग में यह परंपरा विलुप्त होती जा रही है क्योंकि आज डिजिटल युग चल रहा है और लोग अपनी पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं. मगर, कुंभ मेला प्रशासन उन्हीं पुरानी सभ्यता के साथ कुंभ मेले को भव्य और सुंदर बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है. कुंभ मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में कई ऐसे द्वार बनाए जा रहे हैं जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को दिखाने का कार्य करेंगे. कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु भव्य और सुंदर द्वारों को देखकर आनंद की अनुभूति करेंगे.कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि हरकी पैड़ी, चौकी मेला भवन हाथी पुल और ललतारा पुल पर द्वार बनाए जा रहे हैं, साथ ही बस अड्डे पर भी भव्य द्वार बनाया जा रहा है. मेला अधिकारी का कहना है कि इन द्वारों के बनने से हरिद्वार की सुंदरता भी देखने लायक हो रही है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के साथ भी मिलकर कई टेंपरेरी वेलकम द्वार भी बनाए जाएंगे. इन द्वारों के माध्यम से गंगा कुंभ के साथ उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने का कार्य किया जाएगा.

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स्थानीय निवासी भी द्वार बनाने के कार्य को काफी सराहा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बहुत ही अच्छी पहल की गई है. द्वार के माध्यम से हरिद्वार और उत्तराखंड की संस्कृति दिखाई जा रही है. क्योंकि कुंभ का महापर्व हरिद्वार में लगने वाला है. कुंभ में जितने भी देश दुनिया से श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे उनको कुंभ की भव्यता का अनुभव होगा, क्योंकि इन द्वारों में जितने भी चित्र बनाए गए हैं, वह उनके ज्ञान को दर्शाते हैं.

इन द्वारों में भगवान के बहुत ही मनमोहक दृश्य हैं कोई भी श्रद्धालु हरिद्वार आएगा तो उनके मन को भा जाएंगे और उनका हरिद्वार में जाने का मन नहीं करेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके साथ ही कई और प्रकार की सजावट का कार्य भी मेला प्रशासन को करना चाहिए. इन द्वारों को देखकर हमें भी काफी अच्छा महसूस हो रहा है

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गौरतलब है कि हरिद्वार में मां गंगा कलकल बहती है. हरिद्वार को चारों धामों का द्वार भी कहते हैं. हरिद्वार से ही चारों धामों की यात्रा भी शुरू होती है आने वाले कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को भव्य हरिद्वार के दर्शन हो इसी को लेकर मेला प्रशासन द्वारा इन द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है, इन द्वारों पर आलौकिक और भव्य चित्र बनाए जा रहे हैं जिसे देखकर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाएंगे.

Last Updated : Dec 12, 2020, 6:45 PM IST
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