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हरिद्वार: अखाड़ा परिषद का बयान, 2021 में ही होगा महाकुंभ - अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री हरि गिरि

हरिद्वार में अखाड़ा परिषद की महाकुंभ को लेकर बैठक हुई. बैठक में अशोक सिंघल को भारत रत्न देने और साधु-संतों के लिए हरिद्वार में स्मारक बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया गया.

Mahakumbh
महाकुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक
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Published : Aug 26, 2020, 6:41 PM IST

हरिद्वार: हरिद्वार महाकुंभ धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. महाकुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखाड़ों के संत समाज भी तमाम परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर एक लंबा इंतजार करते हैं. इसी क्रम में महाकुंभ को लेकर हरिद्वार के जूना अखाड़े में अखाड़ा परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.

बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री हरि गिरि सहित सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. बैठक में राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अशोक सिंघल को भारत रत्न और अखाड़ों के साधु संतों के नाम पर हरिद्वार में स्मारक बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. इसके साथ ही पालघर में जूना अखाड़े के संतों की हुई निर्मम हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है.

महाकुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना है कि तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार ही महाकुंभ-2021 के स्वरूप के निर्धारित किया जाएगा. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने मेला परिसर में अखाड़ों के निर्माण कार्यों के लिए जल्द धन अवमुक्त करने की मांग की गई है. इसके साथ ही हरिद्वार के सभी मार्ग जिनके कार्य अधूरे हैं, उनको जल्द पूरा किए जाने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें: कुंभ, कोरोना और 'हिफाजत', उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

नरेंद्र गिरि ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले अशोक सिंघल को भारत रत्न देने के लिए प्रस्ताव पास किया गया है. इसके साथ ही जिन साधु-संतों ने राम मंदिर निर्माण में भूमिका निभाई है, उनके नाम से हरिद्वार में स्मारक बनाने की मांग सरकार से की गई है. वहीं, महाकुंभ मेले को लेकर 28 अगस्त को सचिवालय में साधु-संतों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई है.

ये भी पढ़ें: 2021 महाकुंभ से पहले संतों की समस्याओं का होगा निदान, दो बड़े काम करेगी सरकार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि संतों की भू-समाधि को लेकर भी मामला लंबे समय से लंबित है. अखाड़ों की परंपरा रही है कि जब भी कोई संत अपनी देह त्यागता है तो उसे मां गंगा में समाधि दी जाती थी. अगर सरकार जल्द ही भू-समाधि के लिए जमीन नहीं देती तो संतों के पास जल-समाधि का ही विकल्प बचता है.

विशेष ग्रह नक्षत्र के संयोग पर ही कुंभ का आयोजन

वास्तव में कुंभ आयोजित करने के लिए ग्रह नक्षत्रों का एक विशेष समय निर्धारित होता है. जब मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है, तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. यह संयोग 2021 में दिखाई दे रहा है, लेकिन 2022 में ऐसा कोई संयोग नहीं बनता नजर आ रहा है.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

हरिद्वार कुंभ में 6 अन्य स्नान भी प्रस्तावित

हरिद्वार कुंभ में 4 शाही स्नान के अलावा भक्तों के लिए कई अन्य दिन तय हो चुके हैं. प्रमुख स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 11 फरवरी को दूसरा स्नान, बसंत पंचमी 16 फरवरी को तीसरा स्नान, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दी नववर्ष के दिन और 21 अप्रैल राम नवमी को भी स्नान के दिन तय किए जा चुके हैं.

हरिद्वार: हरिद्वार महाकुंभ धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. महाकुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखाड़ों के संत समाज भी तमाम परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर एक लंबा इंतजार करते हैं. इसी क्रम में महाकुंभ को लेकर हरिद्वार के जूना अखाड़े में अखाड़ा परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.

बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री हरि गिरि सहित सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. बैठक में राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अशोक सिंघल को भारत रत्न और अखाड़ों के साधु संतों के नाम पर हरिद्वार में स्मारक बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. इसके साथ ही पालघर में जूना अखाड़े के संतों की हुई निर्मम हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है.

महाकुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना है कि तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार ही महाकुंभ-2021 के स्वरूप के निर्धारित किया जाएगा. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने मेला परिसर में अखाड़ों के निर्माण कार्यों के लिए जल्द धन अवमुक्त करने की मांग की गई है. इसके साथ ही हरिद्वार के सभी मार्ग जिनके कार्य अधूरे हैं, उनको जल्द पूरा किए जाने की मांग की गई है.

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नरेंद्र गिरि ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले अशोक सिंघल को भारत रत्न देने के लिए प्रस्ताव पास किया गया है. इसके साथ ही जिन साधु-संतों ने राम मंदिर निर्माण में भूमिका निभाई है, उनके नाम से हरिद्वार में स्मारक बनाने की मांग सरकार से की गई है. वहीं, महाकुंभ मेले को लेकर 28 अगस्त को सचिवालय में साधु-संतों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई है.

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि संतों की भू-समाधि को लेकर भी मामला लंबे समय से लंबित है. अखाड़ों की परंपरा रही है कि जब भी कोई संत अपनी देह त्यागता है तो उसे मां गंगा में समाधि दी जाती थी. अगर सरकार जल्द ही भू-समाधि के लिए जमीन नहीं देती तो संतों के पास जल-समाधि का ही विकल्प बचता है.

विशेष ग्रह नक्षत्र के संयोग पर ही कुंभ का आयोजन

वास्तव में कुंभ आयोजित करने के लिए ग्रह नक्षत्रों का एक विशेष समय निर्धारित होता है. जब मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है, तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. यह संयोग 2021 में दिखाई दे रहा है, लेकिन 2022 में ऐसा कोई संयोग नहीं बनता नजर आ रहा है.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

हरिद्वार कुंभ में 6 अन्य स्नान भी प्रस्तावित

हरिद्वार कुंभ में 4 शाही स्नान के अलावा भक्तों के लिए कई अन्य दिन तय हो चुके हैं. प्रमुख स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 11 फरवरी को दूसरा स्नान, बसंत पंचमी 16 फरवरी को तीसरा स्नान, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दी नववर्ष के दिन और 21 अप्रैल राम नवमी को भी स्नान के दिन तय किए जा चुके हैं.

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