ETV Bharat / state

गंगा में खनन को लेकर मातृ सदन और अखाड़ा परिषद आमने-सामने

हरिद्वार में गंगा नदी में खनन को लेकर अखाड़ा परिषद और मातृ सदन आमने-सामने आ गए हैं. स्वामी शिवानंद ने कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं. मां गंगा की महत्वता को नहीं समझते हैं.

haridwar
आमने-सामने
author img

By

Published : Feb 8, 2020, 11:04 PM IST

हरिद्वार: गंगा में खनन रोकने को लेकर मातृ सदन और अखाड़ा परिषद आमने-सामने आ गए हैं. मातृ सदन में चल रहे अनशन को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने बयान दिया था कि सरकार को मातृ सदन में हो रहे अनशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. वह तो संत है अपनी तपस्या कर रहे हैं. अगर उनमें शक्ति होगी तो खनन अपने आप ही बंद हो जाएगा. वहीं स्वामी शिवानंद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं

गंगा नदी में खनन

मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज के अनशन को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है. स्वामी शिवानंद ने कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं. मां गंगा की महत्वता को नहीं समझते हैं. खनन से गंगा को कितना नुकसान होता है, इसको नहीं समझते हैं और गंगा किनारे कुंभ मेले में पैसों के लिए इतना उफान मचा रहे हैं. उसी गंगा के लिए मातृ सदन लड़ाई लड़ रही है. अखाड़ा परिषद तो सरकार से कुंभ में जमीन लेने के लिए दबाव बना रही है, इसलिए अज्ञानता को आभूषण बनाने वाले नरेंद्र गिरि को वो शत शत नमन करते हैं.

ये भी पढ़े: देहरादून के व्यवसायी की मुजफ्फरनगर में मिली लाश, गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

वहीं अखाडा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना है कि मैंने तो बोला है वह एक महान संत है. वह तप जप कर रहे हैं. उनके इस कार्य में सरकार कोई बाधा ना डालें. मैंने कुछ गलत तो नहीं बोला. नरेंद्र गिरी ने कटाक्ष करते हुए बोला स्वामी शिवानंद और उनके शिष्य महान संत है. इनके जप तप में सरकार बाधा डाल रही है. उनको अनशन करने दिया जाए.

गंगा में अवैध खनन को लेकर मातृ सदन लंबे समय से अनशन करता आया है और इस वक्त भी मातृ सदन में अनशन चल रहा है. मातृ सदन द्वारा खनन पर एनजीटी और कोर्ट द्वारा पाबंदियां भी लगवाई गई हैं. इस वजह से हरिद्वार में खनन का कार्य पूर्णता बंद है. जिसके कारण कुंभ मेले के कार्य में खनन सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है. इसी को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने स्वामी शिवानंद पर वार किया तो वहीं शिवानंद में भी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पर पलटवार किया है.

हरिद्वार: गंगा में खनन रोकने को लेकर मातृ सदन और अखाड़ा परिषद आमने-सामने आ गए हैं. मातृ सदन में चल रहे अनशन को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने बयान दिया था कि सरकार को मातृ सदन में हो रहे अनशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. वह तो संत है अपनी तपस्या कर रहे हैं. अगर उनमें शक्ति होगी तो खनन अपने आप ही बंद हो जाएगा. वहीं स्वामी शिवानंद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं

गंगा नदी में खनन

मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज के अनशन को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है. स्वामी शिवानंद ने कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं. मां गंगा की महत्वता को नहीं समझते हैं. खनन से गंगा को कितना नुकसान होता है, इसको नहीं समझते हैं और गंगा किनारे कुंभ मेले में पैसों के लिए इतना उफान मचा रहे हैं. उसी गंगा के लिए मातृ सदन लड़ाई लड़ रही है. अखाड़ा परिषद तो सरकार से कुंभ में जमीन लेने के लिए दबाव बना रही है, इसलिए अज्ञानता को आभूषण बनाने वाले नरेंद्र गिरि को वो शत शत नमन करते हैं.

ये भी पढ़े: देहरादून के व्यवसायी की मुजफ्फरनगर में मिली लाश, गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

वहीं अखाडा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना है कि मैंने तो बोला है वह एक महान संत है. वह तप जप कर रहे हैं. उनके इस कार्य में सरकार कोई बाधा ना डालें. मैंने कुछ गलत तो नहीं बोला. नरेंद्र गिरी ने कटाक्ष करते हुए बोला स्वामी शिवानंद और उनके शिष्य महान संत है. इनके जप तप में सरकार बाधा डाल रही है. उनको अनशन करने दिया जाए.

गंगा में अवैध खनन को लेकर मातृ सदन लंबे समय से अनशन करता आया है और इस वक्त भी मातृ सदन में अनशन चल रहा है. मातृ सदन द्वारा खनन पर एनजीटी और कोर्ट द्वारा पाबंदियां भी लगवाई गई हैं. इस वजह से हरिद्वार में खनन का कार्य पूर्णता बंद है. जिसके कारण कुंभ मेले के कार्य में खनन सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है. इसी को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने स्वामी शिवानंद पर वार किया तो वहीं शिवानंद में भी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पर पलटवार किया है.

Intro:गंगा से खनन को लेकर मातृ सदन और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष आमने-सामने


गंगा की निर्मलता और अविरलता को लेकर दो बड़े आमने सामने आ गए हैं मातृ सदन में चल रहे अनशन को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी द्वारा बयान दिया गया था उनके द्वारा कहा गया था कि सरकार को मातृ सदन में हो रहे अनशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए वह तो संत है अपनी तपस्या कर रहे हैं अगर उनमें शक्ति होगी तो खनन अपने आप ही बंद हो जाएगा वही उनके बयान पर स्वामी शिवानंद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरी की वाणी में शालीनता नहीं है वह साधु के तब को नहीं समझते हैंBody:मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अखाडा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज के अनशन को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है स्वामी शिवानंद ने कहा कि नरेंद्र गिरी की वाणी में शालीनता नहीं है वो साधु के तप को नहीं समझते है माँ गंगा की महत्वता को नहीं समझते है खनन से गंगा को कितना नुकसान होता है इसको नहीं समझते हैं और गंगा किनारे कुंभ मेले में पैसों के लिए इतना उफान मचा रहे हैं उसी गंगा के लिए मातृ सदन लड़ाई लड़ रही है अखाड़ा परिषद तो सरकार से कुंभ में जमीन लेने के लिए दबाव बना रही है इसलिए अज्ञानता को आभूषण बनाने वाले नरेंद्र गिरी को वो शतशत नमन करते है

बाइट--स्वामी शिवानंद--परमाध्यक्ष मातृ सदन

वही अखाडा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि मैंने तो बोला है वह एक महान संत है वह तप जप कर रहे हैंउनके इस कार्य में सरकार कोई बाधा ना डालें मैंने कोई गलत तो नहीं बोला नरेंद्र गिरी ने कटाक्ष करते हुए बोला स्वामी शिवानंद और उनके शिष्य महान संत है इनके जप तप मैं सरकार बाधा डाल रही है उनको अनशन करने दिया जाए

बाइट--नरेंद्र गिरी महाराज--अध्यक्ष अखाडा परिषद् Conclusion:गंगा में अवैध खनन को लेकर मातृ सदन लंबे समय से अनशन करता आया है और इस वक्त भी मातृ सदन में अनशन चल रहा है मातृ सदन द्वारा खनन पर एनजीटी और कोर्ट द्वारा पाबंदियां भी लगवाई गई है इस वजह से हरिद्वार में खनन का कार्य पूर्णता बंद है तभी कुंभ कार्य में खनन सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है इसी को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने स्वामी शिवानंद पर वार किया तो वहीं शिवानंद में भी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पर पलटवार किया है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.