हरिद्वारः शहीद हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का आज नमामि गंगे घाट स्थित मोक्ष धाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद बेटे को विदा करते समय उनके पिता फफक-फफक कर रो पड़े. सेना ने वीर सपूत के सम्मान में 21 गोलियों की सलामी दी. वहीं, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीद को अंतिम विदाई दी. वहीं, इस दौरान पूरा मोक्ष धाम भारत माता के जयकारों से गूंज उठा.
गौर हो कि बीती 20 फरवरी को सियाचिन में तैनात जगेंद्र सिंह चौहान गश्त के दौरान ग्लेशियर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सियाचिन के बेस अस्पताल में 21 फरवरी की रात उनका निधन हो गया था. जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट एडी बटालियन में हवलदार थे. उनका जन्म साल 1987 में टिहरी के भनस्वाडी में हुआ था. इस समय उनका परिवार भानियावाला के कान्हार वाला में रहता है.
आज सबसे पहले उनका पार्थिव शरीर रुड़की पहुंचा. जहां से उनके शरीर को उनके पैतृक निवास डोईवाला ले जाया गया. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को हरिद्वार के नमामि गंगे घाट स्थित मोक्ष धाम लाया गया.
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बेटे के पार्थिव शरीर से तिरंगा हाथों में दिया तो फफक पड़े पिताः शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही मोक्ष धाम पहुंचा, वैसे ही पूरा मोक्ष धाम भारत माता के जयकारों से गूंज उठा. मोक्ष धाम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की मौजूदगी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई. उनके पिता उस समय फफक पड़े, जब सेना ने उनके शहीद बेटे के पार्थिव शरीर से तिरंगे को लेकर उनके हाथों में दिया.
देश की सेवा में बेटे के बलिदान पर पिता को गर्वः शहीद के पिता सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि इससे बड़ा कोई संदेश नहीं है, देश के लिए उनके बेटे ने बलिदान दिया. देश के लिए हमने उसे सेना में भर्ती किया था, वो देश की सेवा में चला गया. इससे बड़ा बलिदान नहीं है. वो इतना ही कहना चाहते हैं कि उन्हें बेटे पर काफी गर्व है, जिसने देश के लिए अपना बलिदान दिया है.
उत्तराखंड सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है. आज दुखः की घड़ी में हम परिवार के साथ हैं. किसी शहीद को वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन शहीद का सम्मान और उसके परिवार की चिंता करना, हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि शहीदों के सम्मान में देहरादून भव्य सैन्य धाम बनाया जा रहा है.
जिसके लिए 1734 शहीद परिवारों के घरों से पवित्र मिट्टी एकत्र की जा चुकी है, जल ही सैन्य धाम बनकर तैयार होगा. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करने वाला हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है. वहीं, पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड डोईवाला के अध्यक्ष कैप्टन आनंद सिंह राणा ने शहीद को श्रद्धांजलि दी.