रुड़की: सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम आलाअधिकारी और राजनीतिक, सामाजिक संस्थाएं हरेला पर्व के उपलक्ष्य में पौधारोपण कर पेड़ों को बचाने की शपथ ले रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर वन माफिया हरेला पर्व पर भी हरे पेड़ों पर आरी चलाने से बाज नहीं आ रहे. ऐसा ही मामला रुड़की से सामने आया है. जहां एक साथ करीब 50 से 60 पेड़ों पर आरियां चलाई गई हैं.
दरअसल, ताजा मामला रुड़की एनएच 58 स्थित शेरपुर गांव का है. जहां हरेला पर्व से ठीक एक दिन पहले रातों रात वन माफियाओं ने दर्जनों हरे आम के पेड़ों पर आरी चला दी. इतना ही नहीं पेड़ काटने के बाद माफियाओं ने बाग में ट्रैक्टर भी चलाया. ताकि कटान का पता ना चल सके. सुबह जब प्रदेश हरेला पर्व मना रहा था तो उद्यान विभाग को पेड़ों के कटान की सूचना मिली.
सूचना पर क्षेत्रीय उद्यान अधिकारी ने विभाग के दो कर्मियों को मौके पर निरीक्षण के लिए भेजा गया. कर्मचारियों ने मौका मुआयना कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया कि करीब 60 से 70 पेड़ काटे गए हैं. हालांकि, कर्मचारियों को ये जानकारी नहीं मिली कि ये पेड़ किसने काटे हैं और जमीन किसकी है?
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क्षेत्रीय उद्यान अधिकारी आरपी जसोला ने बताया कि सूचना पर कर्मचारी मौके पर गए थे. 40 से 50 पेड़ कटे हैं. जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है. मामले में जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं, वन क्षेत्रीय अधिकारी नरेंद्र ने बताया कि मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया है. उन्होंने बताया कि बाग स्वामी शेरपुर निवासी पुन्ना है, जिसके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है.