हरिद्वार: सोशल मीडिया और इंटरनेशनल मीडिया मे जिस तरह से महाकुंभ को कोरोना की दूसरी लहर का मुख्य केंद्र बताया जा रहा है, वह बड़ा ही दुःखदाई है. इसी को लेकर निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने सोशल मीडिया के माध्यम से सनातन धर्म की परंपरा और संस्कृति को बदनाम करने वाले लोगों को यह संदेश दिया है कि कुंभ सांकेतिक और कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक संपन्न हुआ है. कुंभ से कोरोना नहीं फैला है.
1 अप्रैल, 2021 के पहले हफ्ते से दूसरी लहर अपने चरम सीमा पर थी. इसके कारण महाकुंभ को प्रतीकात्मक रूप से बनाया गया. निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि का कहना है हरिद्वार महाकुंभ के बारे में लोगों द्वारा जो टिप्पणी हो रही है कि महाकुंभ से कोरोना बड़ा यह बातें बहुत दुःख दाई हैं. इसका संत समाज विरोध करता है.
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उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा महाकुंभ को एक धर्मविशेष से जोड़कर देखा जा रहा है, जो बिलकुल सहीं नहीं है. ऐसे लोग राष्ट्रीय और धर्म विरोधी हैं. इसके खिलाफ संत समाज हमेशा खड़ा है. लोगों को समझना चाहिए कि कितना यह धर्म विरोधी लोग हिंदू धर्म को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं.