हरिद्वार: उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन में लापता हुए नौसेना के विनय पंवार आज पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. इसी बीच एक साल बाद मिले बेटे के शव को देख परिजन बिलख-बिलखकर रोने लगे. परिवार के साथ-साथ खरकड़ी श्मशान घाट पर खड़े सभी व्यक्तियों की आंखें नम हो गई, मानों हर कोई विनय की आने की उम्मीद लगाए बैठा हो. शुक्रवार सुबह विनय का शव प्रशासन और नौसेना के अधिकारी हरिपुरकलां स्थित उनके आवास पर लेकर पहुंचे थे.
बीते साल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के करीब 34 प्रशिक्षुओं का दल डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से लगी द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के लिए गया था. इसी बीच ये दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया. हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो प्रशिक्षु लापता चल रहे थे. इनमें नौसेना में नाविक विनय पंवार व आर्मी मेडिकल कोर में चिकित्सक लेफ्टिनेट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल थे.
चार अक्टूबर 2023 को हादसे की बरसी के दिन दोबारा से चोटी आरोहण के लिए पहुंचे निम के दल ने लापता प्रशिक्षुओं में से नौसेना में नाविक विनय पंवार का शव क्रैवाश स्थान से बरामद किया था. इसके बाद 5 अक्टूबर को सेना के हेलीकॉप्टर से विनय पंवार के शव को हर्षिल लाया गया था. पिछले साल पूरा परिवार बेटे विनय की शादी की तैयारियों में लगा था, तब उसके हिमस्खलन हादसे में लापता होने की खबर आई थी. इसके बावजूद परिवार चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठा था.