लक्सर: साल 1988 में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद से फरार कैदी को आखिरकार पुलिस ने 32 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है. सजायाफ्ता कैदी जिला बिजनौर के थाना मंडावर में गंगा नदी के किनारे भेष बदलकर एक झोपड़ी में रह रहा था. पुलिस ने मंगलवार को फरार कैदी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.
कोतवाल वीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि लक्सर कोतवाली क्षेत्र के प्रतापपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. जिसमें दो आजीवन कारावास के सजायाफ्ता फरार चल रहे थे. उसमें से एक आरोपी वेदपाल को बीते एक सप्ताह पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. वहीं मुखबिर की सूचना पर दूसरे दोषी श्रवण पुत्र चंदू को बीते सोमवार की देर रात मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
बता दें कि बीते साल 1981 में लक्सर कोतवाली के रायसी चौकी क्षेत्र के प्रतापपुर गांव में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. इसी बीच एक दोषी की मौत हो गई. जबकि साल 1988 में दो अन्य दोषियों श्रवण और वेदपाल को न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जिसके बाद दोनों दोषी फरार हो गए थे. काफी तलाशने बाद भी जब दोनों का पता नहीं लग पाया तो दोनों को फरार घोषित किया गया. हालांकि पुलिस दोनों की खोजबीन में लगातार लगी रही.
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इसी क्रम में बीते एक सप्ताह पहले पुलिस को एकड़ गांव में दोषी वेदपाल के होने की सूचना मिली. कार्रवाई करते हुए पुलिस ने वेदपाल को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी वेदपाल भेष बदलकर मटर कारोबारी का काम कर रहा था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया. जहां से उसको जेल भेज दिया गया. वहीं मुखबिर की सूचना पर ही पुलिस ने दूसरे फरार दोषी श्रवण पुत्र चंदू को बीते सोमवार मुखबिर की सूचना पर थाना मंडावर में गंगा नदी के किनारे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दोषी श्रवण गंगा किनारे भेष बदलकर एक झोपड़ी में रह रहा था.